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स्था क० टीका-हिन्दीविवेचना ]
एते तद् निरस्तमित्याह--
अग्निज्ञानजमेतेन धूमज्ञानं स्वभावतः।
तथाधिकल्पकृतान्यदिति प्रत्युक्तमिष्यताम् ॥१०॥ एतेन परमते तत्स्वभावत्यापरिज्ञानप्रतिपादनेन, अग्निज्ञानजं धूमज्ञानं तथाविकल्पकृत='अग्निजन्योऽयं धूमः' इति विकल्पहेतुः, नान्यत् , इति प्रत्युक्तं निरस्तम् , इष्यताम् अङ्गीक्रियताम् ॥१०॥ प्रस्तुतं निगमयति
अतः कथंचिकेन तयोरग्रहणे सति ।
तथा प्रतीतितो न्याय्यं न तधाभावकल्पनम् ॥१०६॥ अतः उक्तयुक्तः, कथश्चित-अन्वयाऽविच्छेदात् , एकेन-ग्राहकेण, तयोः हेतुफलयोः अग्रहणे सति, तथाप्रतीतितः तदितरावधिकत्वेनाऽप्रतीतेः, तथाभावकल्पनंप्रक्रमान् हेतु-फलयोस्तज्जननस्वभाववादिकम्पनं, न युक्तम् ।।१०६।।
पूर्व पुरुष को प्रग्निज्ञान कुचंदूपत्व विशिष्ट पिशाच का सहयोग नहीं प्राप्त है अतएव जसे अग्नि का अनुमान नहीं होता और द्वितीय पुरुष को अग्निज्ञान कुर्वपत्वविशिष्टपिशाच का सहयोग प्राप्त है इसलिये उसको अग्नि का अनुमान होता है । फलतः धूमज्ञान में अग्नि को अनुमापकता का हो लोप हो जायगा । अतः बौद्ध का यह प्रयास मो प्रकिञ्चित्कर है ॥१०४॥
१०५ वीं कारिका में धर्मों के ग्राहक से ही धर्म का ज्ञान होता है इस बौद्ध मत का प्रतिकार किया गया है। कारिका का प्रम इस प्रकार है
घूमनिष्ठाग्निजन्यता के निश्चय में केवलधूमज्ञानहेतुता असंगत] बौद्ध मत में एक शान से कार्य-कारण दोनों का प्रहण न हो सकने के कारण, कारण में कार्यजन्य स्वभाव का और कार्य में कारणजन्य स्वभाव का ज्ञान नहीं हो सकता-इस तथ्य का पर्याप्त प्रतिपादन किया गया। प्रतः 'अग्निज्ञानजन्य धूमजान ही धम में अग्निजन्यता के निश्चय का हेतु है' इस निश्चय के लिये 'धूमज्ञान से अतिरिक्त किसी को अपेक्षा नहीं है।' यह बौद्ध कथन निरस्त हो जाता है और इस पराजय को बौद्ध को भी अवश्य स्वीकार करना होगा क्योंकि अग्निशान पोर धूमशान एवं अग्नि और धूम इन दोनों का जब किसी एकज्ञान से ग्रहण नहीं हो सकता तो न घूममान में अग्निज्ञानजन्य का निश्चय हो सकता और न धूम में अग्निजन्यस्व का ही निश्चय हो सकता। तथा इसीप्रकार प्रग्निशानजन्य धूमशान और 'अग्निजन्य धूम' यह जान ये दोनों भी एक ज्ञान से विदित नहीं हो सकते । अत: 'अग्निजन्य यह धूम'-यह निश्चय 'अग्निज्ञान अन्यधूमज्ञान' इस निश्चय से उत्पन्न होता है ऐसा निश्चय भी नहीं हो सकता ॥१०५॥
१०६ वीं कारिका में उक्त विषय का ही निगमन-उपसंहार किया गया है ! कारिका का अर्थ इस प्रकार है