________________ 1282 1393 1420 16 / 17 सदाबह भिन्नरूपेषु विशेणता विशिष्टसाहात रणपमान मेदे हविज्ञमाविगुणो पुत्रमतन्य •कत्वमपि वदध्यक्ष मिन्नरूपेषु विशेषणता विशिष्टतात स्वरूपमाप्रमेये हरि-गुष्ठ पुत्रचैतन्य कस्वकल्पनमपि 168/12 182121 मान भान उर्वश्य 2261 2273 उपर्य लौकिकविष दोषमुम्न उत्पत्ति और लौकिक-विष. दोषयुक उत्पत्ति, एवं कुछ मंश. का नाश होने पर उस राशि की उत्पत्ति, और 23311. 23 // 2. प्रतीसि पतीति से होना ही समी पायी का होना भी सभी पदार्थों अशांय आशय नमपवेशकमा ध्यपशिभाक प्रमाणामाब प्रमाणग्राम 24028 255/23 २१दा२ 205 / 15 २५७ार 2768 28-135 2984 302 / 3 प्रमाण प्रमाण जन्यज्ञान कोर तत्त अन्य ज्ञान की तसा समावस्यात् विनिगमाग्म; स्वभावान विनीगमागच