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________________ शुद्धिकरण पृष्ठा पंक्ति १११२ ११।२५ योता है। जाय तो होता है हो आम सो प्रमाण तदभावप्रकारक सम्बन्ध नही हो । दृश्यते सुधीः । . ३७११८ ३९.११ दि मासकि ५१२७ ७२।१० प्रमणा तदमाषप्रकार सम्बन्ध हो पृश्यते 'मुष्ट्रष्यते' सुधीः। লব্ধি स्वस्थ मोधमार्ग को जानकारी और मोक्षमार्ग में अभिरुचि होने पर भी बद... देभयस्य मान्नदः उस विषय अन्तःमरण दिव्य प्रमाण न हो सकेगी। बुसि विषयता. -विधा दसणेवि सयाण पक ही है क्योंकि ५९/९ ८०१ ८०२८ ९७५ १.४३६ १०८२६ ११७/३२ १२५५२ १२५/७ १२७१२९ करदेव मोक्षमार्ग में अभिरुचि होने पर मोक्षमार्ग की बानकारी के मभाव में भी वह.... हेममयस्य सानन्दः सस विषय का अन्तःकरण देव प्रमा न हो सकेगी। बुद्धि विषयता. विशेष दसणे विसयाण एक ही है, चैत्र मंत्र के समान उनमें भेद नहीं है तो यह ठीक नहीं है, क्योंकि परिमाण विशेषदर्शित १२७१० परिणाम विश्वदशि
SR No.090417
Book TitleShastravartta Samucchaya Part 1
Original Sutra AuthorHaribhadrasuri
AuthorBadrinath Shukla
PublisherChaukhamba Vidyabhavan
Publication Year
Total Pages371
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Philosophy
File Size9 MB
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