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________________ ६ प्रासोज सुदी अष्टमी को अपराण्ह काल में मूल नक्षत्र में सुमिति नाथ भगवान को मोक्ष हुई। १० कार्तिक सुदी पंचमी पूर्वाह समय में पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में शीतलनाथ भगवान मोक्ष गये। ११ श्रावण सुदी पूर्णिमा को पूर्वाह काल धनिष्ठा नक्षत्र में श्री श्रेयांसनाथ भगवान को मोक्ष हुई । १२ फाल्गुन वदी पंचमी को अपराहकाल अश्विनी नक्षत्र में ६०१ मुनियों के साथ वासुपूज्य भगवान को मोक्ष पद प्राप्त हुआ। १३ प्राषाढ़ सुदी अष्टमी को अपराह काल उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र में ६०० मुनियों के साथ विमलनाथ मोक्ष पद को प्राप्त हुये। १४ चै कृष्णा अमावस्या को अपराह्न काल रेवती नक्षत्र में अनन्तनाथ भगवान ७०० मुनियों के साथ मोक्ष गये। १५ ज्येष्ठ वदी चतुर्दशी को पुष्य नक्षत्र पूर्वाह काल में ८०२ मुनियों के साथ धर्मनाथ भगवान् मोक्ष गये। १६ ज्येष्ठ वदी चौदश को अपराण्ह काल और भरणी नक्षत्र में शांतिनाथ तीर्थङ्कर ६०० मुनियों के साथ मोक्ष गये। १७ वैशाख सुदी प्रतिपदा को कृतिका नक्षत्र और अपराहकाल में १००० मुनियों के साथ कुन्थुनाथ भगवान् मोक्ष गये १८ चैत्रकृष्ण अमावस्या अपराह्न कालरेवती नक्षत्र में अरनाथ भगवान मोक्ष गये। १६ फाल्गुन वदी पंचमी को अपराहकाल में भरणी नक्षत्र में ५०० मुनियों के साथ मल्लिनाथ भगवान मोक्ष गये। २० फाल्गुन वदी द्वादशी को अपराह्न काल में श्रवण नक्षत्र में मुनिसुव्रत तीर्थकर ने मोक्षपद पाया । २१ वैशाख कृष्णा चौदस को पूर्वाह्नकाल और अश्विनी नक्षत्र में नमिनाथ तीर्थङ्कर ने मोक्ष पाई। २२ आषाढ वदी अष्टमी को अपराह्न काल चित्रा नक्षत्र में नेमिनाथ भगवान् ६३६ मुनियों के साथ मोक्ष गये । २३ श्रावण सुदी सप्तमी को अपराह्न काल विशाखा नक्षत्र में पायनाथ भगवान ३६ भुनियों के साथ मोक्ष गये ।। २४ कार्तिक कृष्णा चतुर्दशी प्रातः समय के स्वाति नक्षत्र में भगवान महावीर ने मोक्ष पद प्राप्त किया। जिन तीर्थङ्करों के साथ मोक्ष जाने वाले मुनियों की संख्या नहीं लिखी उन सब के साथ एक एक हजार मुनि मोक्ष गये हैं।
SR No.090416
Book TitleShastrasara Samucchay
Original Sutra AuthorMaghnandyacharya
AuthorVeshbhushan Maharaj
PublisherJain Delhi
Publication Year
Total Pages419
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Philosophy
File Size9 MB
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