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दीपा नगर दारवदोए होमी सेसा तेवीस तेसु तित्थयरा। रिणयरिणयजाद पुरेसुगिण्हंति जिरिंगददिक्खाई॥
६४३। वि० ५० ५० प्र० चौबीस तीर्थंकरों में से भगवान नेमिनाथ ने द्वारावती से दीक्षा ली और शेष तीर्थंकरों ने अपने अपने जन्म वाले नगर से मुनि दीक्षा ली।
दीक्षा-तिथि १ चैत्र सुदी नवमी उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में ऋषभदेव को मध्याह्न काल में दीक्षा हुई। . २ माघ शुक्ला नवमी को रोहिणी नक्षत्र में अपराल काल में भगवान अजित नाथ की दीक्षा हुई।
३ मगसिर सुदी पन्द्रह ज्येष्ठा नक्षत्र में अपराह्न काल में श्री सम्भवनाथ का दीक्षा कल्याणक हुआ।
४ माघसुदी द्वादसी को पुनर्वसु नक्षत्र में पूर्वाह्न काल में अभिनन्दन नाथ की दीक्षा हुई।
५ पैशाख सुदी नवमी को मघा नक्षत्र में पूर्वान्ह काल में सुमति नाथ तीर्थंकर की दीक्षा हुई।
६ कार्तिक सुदी तेरह चित्रा नक्षत्र अपराह्न काल में पद्म प्रभु की दीक्षा हुई।
७ ज्येष्ठ सुदी द्वादसी पूर्वाह्न काल विशाखा नक्षत्र में सुपारचं नाथ की दीक्षा हुई।
८ पौष कृष्णा एकादशी अपराह्न काल अनुराधा नक्षत्र में चन्द्र प्रभु की दीक्षा हुई।
६ मगसिर सुदी एकम अपराह्न काल अनुराधा नक्षत्र में पुष्पदन्त भगवान की दीक्षा हुई।
१० माघ सुदी द्वादशी को अपराह्न काल के समय पूर्वाषाढा नक्षत्र में शीतल नाथ की दीक्षा हुई ।
११ फाल्गुन वदी एकादशी पूर्वाह्न काल श्रवण नक्षत्र में श्रेयांस नाथ की दीक्षा हुई। . १२ फाल्गुन सुदी चौदस अपराह्न काल में विशाखा नक्षत्र में एक उपवास पूर्वक वासुपूज्य भगवान की दीक्षा हुई ।