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________________ (५३) दीक्षा कल्याणक तीर्थंकरों को किसी भी प्रकार की व्याधि, इष्टवियोग, अनिष्टसंयोग तथा विष, शस्त्र, आदि जनित दुःख नहीं होता है, न उनको और किसी तरह का कष्ट होता है 1 वे अपना कुमार काल बिता कर जव यौवन अवस्था में श्राते हैं तब उनका विवाह होता है । तत्पश्चात् युवराज पद पा लेने के बाद उनका राज्याभिषेक होता है धीर निष्कण्टक राज शासन करते हैं। राजसुख भोगते हुए उनको किसी कारण संसार, शरीर तथा विषय भोगों से वैराग्य होता है तब उनकी भावना होती हैं कि fages गतियो दारणदुम्मार दुःख खाणीओ । परमाणम तनयानं रिगभ्वाहणं प्रवच्छामो ॥ अर्थ संसार चतुर्गति भ्रमण रूप है। इन चारों गतियों में जीव को प्रत्यन्त दारुण दुःख प्राप्त होता है। ऐसा सोचकर संसार से उदासीन होते हुए भगवान जब वैराग्य को प्राप्त होते हैं । तब वे लौकान्तिक देव आकर कहते हैं कि हे देवाधिदेव ! इस समय आपने संसार को असार समझ कर अपनी इष्ट सिद्धि प्राप्त करने का निश्चय किया, सो श्लाघनीय हैं, श्राप धन्य हैं । इस प्रकार उनको अनेक प्रकार से सम्बोधन करते हुए देव कहते हैं कि--हे भगवान ! आज हमारा सौभाग्य का दिन है कि हम आपके दर्शन कर इस जन्म को सफल करते हुए आपके महाप्रसाद को प्राप्त हुए। इस प्रकार के लौकान्तिक देव भगवान के ऊपर कल्प वृक्ष के पुष्पों की वृष्टि करके चले जाते हैं । गांधा - धारवननेमि सेसाते विशतेषु तित्तथरां । वियरिगय चोदपुरेसुंखे हति जिरांदा विक्खाया ॥ उसी समय समस्त देव, इन्द्र, विद्याधर, भूचर राजा श्रादि एकत्र होकर दीक्षा का उत्सव करते हैं। एक सुन्दर दिव्य पालकी में तीर्थंकर विराजमान होते हैं । उस पालकी को पहले भूचर राजा उठाकर कुछ दूर चलते हैं । तत्पश्चात् 'विवार लेकर चलते हैं । फिर देव अपने कंधों पर लेकर बड़े हर्ष उत्सव के साथ प्राकाश में चलते हैं। नगर से बाहर किसी उद्यान या वन में किसी वृक्ष के नीचे भगवान स्वच्छ शिला पर बैठते हैं और अपने शरीर के समस्त वस्त्र श्राभूषण उतार देते हैं। अपने शिर के बालों का पांच भुट्टियों से लोंच करके सिखों को नमस्कार करते हैं और स्वयं महाव्रत धारण करके मुनि दीक्षा लेकर ध्यान में निमग्न हो जाते हैं ।
SR No.090416
Book TitleShastrasara Samucchay
Original Sutra AuthorMaghnandyacharya
AuthorVeshbhushan Maharaj
PublisherJain Delhi
Publication Year
Total Pages419
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Philosophy
File Size9 MB
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