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________________ (५२) भगवान् मल्लिनाथ की उत्पत्ति के पश्चान् पच्चीस हजार अधिक अर्थात् चौवन लाख वर्षों के बीत जाने पर भगवान सूबत जिनेन्द्र की उत्पत्ति हुई। भगवान् सुव्रत की उत्पत्ति के पश्चान् बीस हजार अधिक छ: लाग्ख वर्ष प्रमाण काल के व्यतीत होने पर नमिनाथ जिनेन्द्र का जन्म हुआ। नमिनाथ की उत्पत्ति के पश्चात् नौ हजार अधिक पांच लाख वर्षों के व्यतीत होने पर भगवान् नेमिनाथ की उत्पत्ति हुई। नेमिनाथ तीर्थङ्कर की उत्पत्ति के पश्चात् चौरासी हजार छ: सौ पवास वर्षों के व्यतीत होने पर भगवान् पार्श्वनाथ की उत्पत्ति हुई । भगवान् पार्श्वनाथ की उत्पत्ति के पश्चात् दो सौ अठत्तर वर्षों के बीत जाने पर वर्द्धमान तीर्थङ्कर का जन्म हुआ। लोगों को आनन्दित करने वाला यह तीर्थंकरों के अन्तराल काल का प्रमाण उनकी कर्मरूपी अर्गला को नष्ट करके मोक्षपुरी के कपाट को उद्घादित करता है। जिस समय तीर्थंकर का जन्म होता है उस समय विना बजाये स्वयं शंख भेरियों से भवन वासी देव और व्यंतर देव नगाड़ों की ध्वनि से, ज्योतिष देव सिंह नाद की ध्वनि से तथा कल्पवासी देव घण्टा नादों से भगवान का जन्म समय रामझ कर अपने-अपने यहाँ और भी अनेक बाजे बजाते हैं। कल्पवासी आदि देव तीर्थकर का जन्म समझ कर उसी समय अपने सिंहासन से उतर कर प्रागे सात कदम चल कर सम्पूर्ण अंगोग झुकाकर नमस्कार करते हैं। इसके बाद सभी देव अपने स्थान से चलकर तीर्थकर की जन्म भूमि में प्राते है । और बालक रूप तीर्थकर को ऐरावत हाथी पर बैठा कर महामेरु पर्वत पर ले जाते हैं वहां पर पान्डूक शिला में विराजमाम करते देवों द्वारा हाथों-हाथ क्षीर समुद्र से लाये गये जल से अभिषेक करते हैं। इस प्रकार देवेन्द्र ने जन्माभिषेक किया और वृत्य कृत्य हुा । भगवान के शरीर में निःस्वेद (पसीना न पाना) आदि १० अतिशय होते है। गाथा धम्मार कुन्थु कुदवस्त जाता । माहोग्गवासा सुबवरि पासो। सुसुम्भ दोजादव वंश जम्मा । नेमीय इक्खाकुल विशेषों ॥ अर्थ---धर्मनाथ, कुन्थुनाथ, अरनाथ ये तीन कुरु वंश में उत्पन्न हुए सुपार्श्व और पार्व नाथ जी नाथ वंश में उत्पन्न हुए। नमि और नेमि नाथ || यादव वंश में उत्पन्न हुए। शेष इक्ष्वाकु वंश में उत्पन्न हुए । न...
SR No.090416
Book TitleShastrasara Samucchay
Original Sutra AuthorMaghnandyacharya
AuthorVeshbhushan Maharaj
PublisherJain Delhi
Publication Year
Total Pages419
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Philosophy
File Size9 MB
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