________________
( ३१० )
षध ऋद्धि, ५ विष्ठौषध ऋद्धि, ६ सर्वोषध ऋद्धि ७ ग्रास्यमल ऋद्धि तथा व दृष्टि विष ऋद्धि ये औषध ऋद्धियां आठ प्रकार की होती हैं ।
जिन महा तपस्वी के हाथ पांव के स्पर्श करने मात्र से रोग उपशम होने की शक्ति प्राप्त होती है उसे ग्रामोषध ऋद्धि कहते हैं । किसी तपस्वी के निमित्त या उसके कके स्पर्श मात्र से ही व्याधि उपशम हो जाना खिल्लीषध ऋद्धि है । कुछ तपस्वी के पसीने से निकले हुये मल के द्वारा व्याधि उपशम होना जल्लोषध है । किसी के कान, दांत, नाक आदि के मल से व्याधि नष्ट हो जाना मल्लोषध है । और किसी तपस्वी के मल-मुत्रादि के स्पर्श हो जाने से रोग नष्ट हो जाना विष्टोध कहलाती है। किसी तपस्वी के शरीर का स्पर्श करके आई हुई हवा से व्याधि नष्ट होना सर्वोपध है । किसी तपस्वी के मुख से निकलने वाली लार के द्वारा अमृत के समान व्याधि नष्ट हो जाना आस्यमल औषध है । किसी तपस्वी के देखने मात्र से विष या रोग नष्ट हो जाना दृष्ट विष ऋद्धि है । इस प्रकार आठ औषध ऋद्धियों का वर्णन किया गया। आस्यविषत्त्व, दृष्टिविषत्व, क्षीरस्रवित्व, मधुस्रवित्व, आाज्यस्रवित्व, अमृतत्व से रस ऋद्धि के भेद है ।
1
१ कोई तपोधारी साधु किसी निमित्त से क्रोध दृष्टि से देखकर यदि कहे कि तू मर से तुरन्त ही मर जाय तो इसे आस्यविषत्य साथ किसी की तरफ देखते ही यदि वह मनुष्य इसका नाम दृष्टि विष है । ३ महातप धारी मुनि के पाणिपात्र में नीर सा श्राहार रखने से यह प्रहार क्षीररूप में परिणत होजाय तो इसका नाम क्षीर
ऋद्धि कहते हैं । ४ और किसी महा तपस्वी के हाथ में नीरस आहार रख दें तो वह तुरन्त ही ग्रन मधुर या मीठा हो जाय तो इसका नाम मधुस्रवित्व ऋद्धि है । ५ यदि तप धारी मुनियों के हाथ में शुष्क भोजन रख दिया जाय वह आहार तुरंत ही घृत के समान अत्यन्त स्वादिष्ट या सुगंधित रूप में परिणत हो जावे इसको यस्त्रवित्व ऋद्धि कहते हैं । ६ किसी तपोधारी मुनि के हाथ में कडवा आहार भी रख दिया जाय तो वह आहार तुरन्त ही अमृत के समान हो जाये इसका नाम ऋद्धि है। क्षीणऋद्धिद्विविधा ।। ६६ ।।
ऋद्धि के दो भेद
१ प्रक्षोण महासत्व र अक्षोमहालयत्व ऐसे अक्षीण हैं । तपधारी साधु के ग्राहार होने के बाद शेष बचे हुये आहार में यदि चक्रवर्ती कां कटक भी जीम ले तो भी आहार कम न होकर बढ़ते ही जावे इस का नाम ग्रीस महानसत्व है। मुनि जहां पर रहें उतने स्थान में
किसी गृहस्थ की तरफ जा और उसके कहने कहते हैं । २- गुस्से के तत्काल मर जाय तो