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________________ ( २२१) वृक्ष छाया आदि निमित्त ज्ञान:---- वृक्ष की छाया देखने वाले को यदि उसी छाया में वृक्ष की डालो टूटी हुई सथा भूत पिशाचादि दिखाई गई तो १० मास की आयु समझनी चाहिए ।१। यदि सूर्य को देखने पर उसकी किरणें न दिखाई दें और अग्नि को देखने पर उसकी किरणें न दिखाई पड़े तो उसकी आयु ११ मास समझना चाहिए ।। मूत्र और मल चांदी और स्वर्ण के रंग के समान यदि दिखाई पड़े तो, और स्वप्न में अथवा मन में कोई एक आदमी दिखाई पड़े तो ६ मांस उसकी प्रायु समझना चाहिए।३।। शरीर स्वस्थ होने पर भी यदि क्षीण दिखाई पड़े तो, या अपने मन में कोई अमुक काम करने की इच्छा हाने पर भी यदि दूसरा काम शुरू करदे तो उसकी आयु पाठ मास की समझना चाहिए।४। जाते हुए व्यक्ति को देखने पर यदि जाने वाले व्यक्ति का पांव कटा हुभा दिखाई पड़े तो ७ मास की आयु समझना चाहिए ।। यदि काक दोनों पंखों से मारे तो अथवा वालू की वर्षा दिखाई पड़े तो, या अपनो छाया न मालूम होकर उसके विपरीत दिखाई पड़े तो ६ मास उसकी आयु समझना चाहिए।६। यदि काक सिर के ऊपर बैठा हुआ दिखाई पड़े तो, अथवा मांस खाने वाला पक्षी उसके ऊपर बैठा हुआ दिखाई पड़े तो उसकी आयु ५ मास की समझना चाहिए । यदि दक्षिण दिशा में बादल नहीं होते हुए भी बिजली दिखाई पड़े तो, अथवा पानी के अन्दर इन्द्र धनुष दिखाई पड़े तो उसको आयु चार मास समझना चाहिए । यदि स्वप्न में चन्द्र और सूर्य के अन्दर छिद्र होकर दिखाई पड़े तो उसकी प्रायु तीन मास की समझना चाहिए 181 शरीर का बास मुर्दे के दुर्गन्ध ऐसा आभास हो, अथवा दांत गिरकर पड़े मालूम हों तो. अथवा गर्म पानी ठंडा दिखाई पड़े, या शरीर कोयले के समान रहे तो उसकी आयु दो मास को समझना चाहिए।१०। यदि पानी ऊपर से अपने शरीर पर गिर पड़े अथवा यदि कोई व्यक्ति
SR No.090416
Book TitleShastrasara Samucchay
Original Sutra AuthorMaghnandyacharya
AuthorVeshbhushan Maharaj
PublisherJain Delhi
Publication Year
Total Pages419
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Philosophy
File Size9 MB
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