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अर्थ-धनु मेष सिंह के सूर्य में यात्रा करना शुभ है। मकर, कुम्भ, मिथुन, कन्या, वृष, तुला के सूर्य में यात्रा मध्यम है और कक, मीन, वृश्चिक में सूर्य हो तो यात्रा लम्बो होती है । यात्रा में १-५-३-७वीं तारा नेष्ट है।
गोचर विचारपहले लिखे अनुसार नक्षत्रों की १२ राशियां अच्छी तरह समझ लेने के बाद 'किस राशि वाले मनुष्य को कौन-सा ग्रह किस स्थान में है, कितने स्थान में होता है तथा वह ग्रह कितने समय तक अपना अच्छा या बुरा फल देता है ।' यह विषय जानने को 'गोचर' कहते हैं । यह बात प्रत्येक मनुष्य को जाननी प्रावश्यक है।
__गोचर ग्रह के जानने की विधि राशि को जान लेने पर, उस राशि का ग्रह कितने स्थान में कितने समय तक रहता है, इस बात को जानने के लिए इस वर्ष का पंचांग, लेकर शुक्ल पक्ष या कृष्ण पक्ष की कुण्डली में किस राशि में कौन सा ग्रह है, यह देखना चाहिये तदनन्तर अपने ग्रह रहने की राशि तक गिन लेना चाहिये । गिन लेने पर उतनी संख्या में अपना ग्रह जान कर अपना शुभ अशुभ फल जान लेना चाहिए।
उदाहरण के लिए ईश्वरचन्द्र नामक व्यक्ति के विषय में विचार करें कि इनके कितने स्थान पर गुरु और शनि है ? तो
ईश्वर चन्द्र का प्रथम अक्षर 'ई' है जोकि अवगहड़ चक्रानुसार कृतिका
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