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________________ (E) वज्रवर द्वीप वज्रबर समुद्र (१०) वैडूर्यवर द्वीप वैडूर्यवर समुद्र (११) नागबर द्वीप नागवर समुद्र (१२) भूतवर द्वीप भूतवर समुद्र (१३) यक्षवर द्वीप यक्षवर समुद्र (१४) देववर द्वीप देववर सुमुद्र (१५) अहिन्द्रवर द्वीप . अहिन्द्रवर समुद्र (१६) स्वयंभूरमरण द्वीप स्वयंभरमण समुद्र ____ अंत के द्वीप में चार गोपुर सहित आठ योजन ऊंची, १२ योजन विस्तार वाली ४ योजन मुख विस्तार युक्त वच्च वेदिका है। इसी प्रकार प्रत्येक द्वीप समुन्द्र के बीच में एक एक वजवेदिका है । ये वेदिका ५०० धनुष ऊंची होती है। दश कोश उन्नत पदन वेदिका है। समस्त द्वीप समुन्द्र कितने होते हैं ? इसके समाधान में प्राचार्य कहते हैं: ७५ कोडाकोड़ी उद्धार पल्योपम का जितने रोम प्रमाण हैं उतने द्वीप समुद्र समझना चाहिये । इस जीप से पाठवें नंदीश्वर का वलय विस्तार, १६३ करोड़ ८४ लाख योजन प्रमाण होता है ।उसके चारों ओर दिशा के मध्य प्रदेश में ८४००० चौरासी हजार योजन ऊंचाई और उतनी ही चौड़ाई-संयुक्त चार अंजन पर्वत है । उसके चारों ओर चारों दिशाओं में १०,००० योजन समुचतुरस्त्र १००० योजन गहरी जलचर जीवों से रहित जलपूर्ण ४ बावड़ी हैं । लाख योजन लंबे ७०,००० योजन चौड़े संयुक्त अशोक सप्तच्छन्द, चंपक, आम्रवन, चतुष्टयविराजित, नंदी, नंदवती, नंदोत्तरी नंदिषेणा नामक चार बावड़ी हैं। ये पूर्व दिशा के अजन पर्वत की चार दिशाओं की हैं । अरजा, विरजा, अशोक, बीतशोक, ऐसे चार सरोवर (बावड़ी) दक्षिण अजन पर्वत की चार. दिशा में हैं। विजय, वैजयंत, जयंत, अपराजित ऐसे चार सरोवर (बावड़ी) पश्चिम अजन पर्वत की दिशा वाले हैं । रम्य रमणीय, सुप्रभा, सर्वतोभद्र ऐसे चार सरोवर उत्तर प्रजन की दिशा के हैं। इन १६ सरों के मध्य प्रदेश में १०,००० योजन ऊंचाई तथा चौड़ाईसंयुक्त दधिमुख पर्वत हैं। उन सरोवरों के बाह्य कोण-द्वय में १००० योजन लंबाई चौड़ाई संयुक्त सुवर्ण वर्ण के ३२ रतिकर पर्वत हैं । इन ५२ पर्वतों के शिखर पर चार प्रकार गोपुर सहित जिन मन्दिर हैं। श्री तालपरिस्कृत सहित ध्वजा मालादि अलंकृत (शोभाय मान) अभिषेक, पूजन, क्रीउन, संगति, नाटक अवलोकनादि मंउप हैं । विकसित कमल कुसुम से शोभायमान दीपिका (वापी) Ji .Me
SR No.090416
Book TitleShastrasara Samucchay
Original Sutra AuthorMaghnandyacharya
AuthorVeshbhushan Maharaj
PublisherJain Delhi
Publication Year
Total Pages419
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Philosophy
File Size9 MB
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