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( तोम्मटसार जीवा ३६४
याजकनामेनाननभेदाणि पदाणि होति परिकम्मे । कावधि वाचनाननमेसो पुरष चूलियाजोगो ॥ ३६४॥
तन मन गोरम, मरगत जयगालनोमनं जजलक्षाणि । मननन धममननोन नामं रनधजवरानन जलादिषु ॥ ३६३ ॥
याजकनामेनाननमेतानि पदानि भवंति परिकर्मणि । Sarraforarearranषः पुरुः चूलिकायोगः ॥ ३६४।।
टोका
इहां 'कटपयपुरस्थवर्णैः' इत्यादि सूत्रोक्त विधान प्रक्षर ज्ञा करि अंक कहैं हैं; सो अंकनि करि जो प्रमाण भया, सोई वहां कहिए है एक एक अक्षर ते एक एक अंक जानि लेना; सो 'गतनमनोतनं' कहिये छत्तीस लाख पांच हजार (३६०५०००) पद चंद्रप्रज्ञप्ति विष हैं।
'' कहिए पांच लाख तीन हजार ( ५०-३०००) पद सूर्यप्रज्ञप्ति विष हैं ।
बहुरि 'गोरम' कहिये तीन लाख पचीस हजार (३२५००० ) पद जंबूद्वीप प्रज्ञप्ति विषे हैं ।
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बहुरि 'मरगतatri' कहिये बावन लाख छत्तीस हजार (५२३६०००) प्र द्वीपसागर प्रज्ञप्ति विषं हैं ।
aft 'जयगाaatri' कहिये चौरासी लाख छत्तीस हजार (८४३६०००) पद व्याख्याप्रज्ञप्ति अंग के हैं ।
बहुरि 'reter' कहिए प्रयासी लाख ( ( ८८०००००) पद सूत्र सामा भेद विष हैं ।
बहुरि मननन कहिए पांच हजार (५००० ) पद प्रथमानुयोग विषै हैं ।
'बहुरि धमraataar कहिए पिच्या कोट पचास लाख पांच (२५५०००००५) पद पूर्वगत विष हैं। चौदह पूर्वनि के इतने पद हैं ।
बहुरि रनधजधराने कहिए दोय कोडि नव लाख निवासी हजार दोय से (२०६८९२००) पद जलगता आदि चूलिका तिन विषै एक एक के इतने इतने पद