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सभ्यशामचन्द्रिका भाषाटोका ।
अवगाहना स्थान पर्यंत उगणीस स्थान हैं, तिनकी अडतीस बिदी लिखना । सो इहां दूसरा स्थान से लगाइ स्थान है, तातें ऊपरि की पंक्ति विर्षे दोय बिदी प्रथम स्थान की लिखी थी, तिनको नीच! की छोडि द्वितीय स्थान को दोय बिदा त लगाइ आगे बरोबरि अडतीस बिदी लिखनी। बहुरि तैसे ही तिस पंक्ति के नीचे तीसरी पंक्ति विर्षे सूक्ष्म लब्धि अपर्याप्तक तेजस्कायिक का जघन्य अवगाहन तै उत्कृष्ट अवगाहन पर्यत इकईस स्थान हैं, तिनकी बियालीस बिंदी लिखनी । सो इहा तीजा स्थान तें लगाइ स्थान हैं, तातै ऊपरि की पंक्ति विर्षे दूसरा स्थान की दोइ बिंदी लिखी थी, तिनके नीचा को भी छौडि तीसरी स्थानक की दोइ बिंदी ते लगाइ बियालीस बिंदी लिखनी । बहरि तैसे ही तिस पंक्ति के नीचे चौथी पंक्ति विर्षे सूक्ष्म लब्धि अपर्याप्तक अप्कायिक का जघन्य अवगाहन स्थान तें लगाइ, ताका उत्कृष्ट अवगाहन स्थान पर्यंत तेवीस स्थाननि को छियालीस बिंदी लिखनी । सो इहां चौथा स्थान ते लगाइ स्थान है, तातै तीसरा स्थानक की दोय बिंदी का नीचा को छोडि चौथा स्थानक की दोय बिंदी ते लगाइ छियालीस विदो लिखनी । बहुरि तेसै ही तिस पंक्ति के नीचे पांचमी पंक्ति विर्षे सूक्ष्म लब्धि अपर्याप्तक पृथ्वीकायिक का जघन्य अवगाहन तै लगाइ साका उत्कृष्ट अवगाहन पर्यंत पचीस स्थान हैं; तिनकी पचास बिंदी लिखनी। सो इहा पांचवां स्थान ते लगाइ स्थान है, ताते चौथा स्थान की दोय बिंदी का भी नीचा की छोडि पांचवां स्थानक की दोय बिदी लगाइ पचास बिदी लिखनी । बहुरि तसे हो तिस पंक्ति के नो-नीचे छठी, सातमी, आठवी, नवमी, दशमी, ग्यारहमी बारहवीं, तेरहवीं, चौदहवीं, पंद्रहवीं, सोलहवीं पंक्ति विर्षे बादर लब्धि अपर्याप्तक वायु, तेज, अप, पृथ्वी, निगोद, प्रतिष्ठित प्रत्येक, अप्रतिष्ठित प्रत्येक, द्वींद्रिय, त्रीद्रिय, चतुरिंद्रिय, पंचेंद्रिय इनि ग्यारहनि का अपना-अपना जघन्य स्थान से लगाइ उत्कृष्ट स्थान पर्यंत अनुक्रम ते सत्ताईस, मुरगतीस, इकतीस, तेतीस, पैंतोस, सैंतीस, छियालिस, चवालीस, इकतालीस, इकतालीस, तियालोस स्थान हैं। तिनिकी चौवन, अठावन, बासठि, छयासठि, सत्तरि, चौहत्तरि, बागवे, अठासी, बियासी, छियासी बिंदी . लिखनी । सो इहां छठा, सातवां आदि स्थान तै लगाइ स्थान हैं, तात ऊपरि पंक्ति का आदि स्थान की दोय-दीय बिंदी का नीचा कौं छोडि छठा, सातवां धादि स्थान की दोय बिदी नै लगाइए बिंदो तिनि पंक्तिनि विर्षे क्रम ते लिखनी ।
___ बहुरि तिस पंचेंद्रिय लब्धि अपर्याप्तक की पंक्ति के नीचे सतरहवीं पंक्ति विष सूक्ष्मनिगोद पर्याप्त का जघन्य अवगाहना स्थान से लगाइ, उत्कृष्ट अवगाहना स्थान