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परिशिष्ट
'रिट्ठणे मिर्चारउ' में आये हुए कतिपय शब्दों के अर्थ पहला सर्ग
१. जायब कुरुव-कस्बुप्पट-यादव-कौरव-काव्योत्पल । हरिबलकुलणयलससहरहो-हरि और बल राम के कुलरूपी आकाश के चन्द्रमा । यह और आगे के पद 'तित्थंकरहो' के विशेषण हैं। कल्लाण-णाणगुणरोहणहो- . पाच कल्याणों [गर्भ, जन्म इत्यादि] ज्ञानों और गुणस्थानों में रोहण करने वाले। णिचणिरामम-नामरवासणहो- अत्यन्त सुन्दर पामरों और छत्रोंवाले। या वासत्तणहो-वर्षायाण वस्सत्तण>वासप्तणहो । उप्पण्णाहा–उत्पन्न हुई आभा।
२. हरिबंसमहण्णउ--- हरिवंश-महार्णव । गुस्वयण-तरंडउ>गुरुवचनतरंड-~गुरुवचनरूपी नौका । णायर--मात:, ज्ञान प्राप्त किया। परिमोक्कलन-परिमुक्तः, खोला। सरसइसरस्वती। इंवेण–इन्द्र ने, ऐन्द्र व्याकरण के आदिप्रवर्तक । भरहेण-भरत के द्वारा। रस सम्प्रदाय के प्रवर्तक और नाट्यशास्त्र के रचयिता। वासे-व्यास के द्वारा। पिंगलेणपिंगलाचार्य के द्वारा, छंदशास्त्र के प्रवर्तक । भंमहें-..भामह के द्वारा, प्रसिद्ध संस्कृत समीक्षक। पंडिगिहि-दण्डी ने । थाणेण- बाणभट्ट ने। सिरिरिसे-श्रीहर्ष ने। चउमुहेप-चतुर्मस्त्र में, स्वयंभू के पूर्ववर्ती पद्धडिया काव्यशेली के आविष्का । ससमय-स्वसमय, स्वमत । परसमय--परमत । भडारा-आदरणीय (भट्टारक): . ३. विवरेत--विपरीत । सुवा-श्रूयते, सुनी जाती है। गारापणु-श्वीकृष्ण । परहोमर की, अर्जुन की। महाभारत के अनुसार नर और नारायण एक ही तत्त्व के दो रूप हैं जो अर्जुन और कृष्ण के रूप में अबतार लेते हैं । अदारजणिया-कारजनित अर्थात् जो वास्तविक पत्नी न हो, अन्य स्त्री से उत्पन्न । महाभारत के अनुसार घृतराष्ट्र, पाण्डु और विदुर राजा विचित्रवीर्य के क्षेत्रज पुत्र थे, अर्थात् उनकी विधवाओं से नियोग द्वारा उत्पन्न हुए थे । व्यास के नियोग से वे उत्पन्न हुए। कोलिहि-कुन्ती के। शूरसेन की पुत्री, राजा कुन्तीगेज की दत्तक कन्या सिद्धिनामक देवी के अंशा से उत्पन्न । कुन्ती राजा कुन्तीभोज के यहाँ ....... की सेवा में नियुक्त थी । सेवा से सन्तुष्ट होकर दुर्वासा ने उसे मन्त्र दिया । कुतुहल वश वह सूर्य का आह्वान करती है। उससे कर्ण की उत्पत्ति होती है। पण्डु संन्यास ग्रहण करता है । उसके आदेश से धर्म, वायु और इन्द्र के द्वारा कुन्ती से क्रमशः युधिष्ठिर, भीम और अर्जुन का जन्म होता है। ___४. एक—एक के द्वारा (शूरसेन के द्वारा अंधकवृष्णि पैदा) हुए। महोपरियारसमान उदर से उत्पन्न बहिर्ने।
५. वासहोतणिय--व्यास को बहिन। परिणिय... परिणीता । जग्गाई मि गाउ--उग्रों में