SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 67
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ + पुष्प २० रत्नमाला पछ 59 औषध दान असाता वेदनीय कर्म के उदय से तथा बीर्यान्तराय कर्म के उदय से शरीर में रोगों की उत्पत्ति होती है। यह रोग शरीर को अस्वस्थ और मन को अप्रसन्न बनाते हैं। रोगों के कारण साधना में कुछ शिथिलता आती है। शरीर रोग ग्रस्त हो जाने पर रोग निवारणार्थ शुध्द औषधि देना तथा समुचित परिचर्या करना, औषधदान है। शास्त्र दान : जगत् में प्राणी का हितकारी बन्धु ज्ञान ही है। ज्ञान के अभाव में मनुष्य तिर्यंच के समान माना गया है। ज्ञान से ही इसलोक और परलोक सम्बन्धित सम्पूर्ण | हेयोपदेयता का बोध होता है। भेदविज्ञान का कारण भी ज्ञान ही है। ज्ञान से श्रध्दा व चारित्र दृढ होता है, मन एवं इन्द्रियाँ विषयों से विरक्त होती है, चित्त पवित्र होता है। अतः | ज्ञान प्राप्ति के लिए जिनवाणी भेट करना, शास्त्रदान है। चारों दानों का फल बताते हुए आ. पूज्यनाद लिखरी हैं कि ज्ञानवान् ज्ञानदानेन निर्भयोऽभय दानतः । अन्नदानात्सुखी नित्यं निर्व्याधिर्भेषजाद भवेत् ।। (पूज्यपाद श्रावकाचार - ७१) अर्थ : ज्ञानदान से मनुष्य ज्ञानवान् होता है. अभयदान से निर्भय रहता है, अन्न दान से नित्य सुखी और औषधिदान से सदा नीरोग रहता है। आचार्य अमितगति दान की प्रेरणा देते हुए लिखते हैं कि नानादुःखव्यसन निपुणानाशिना तृप्ति हेतून् . कर्मारिति प्रचयन परांस्तत्त्वतोऽवेत्य भोगान् । मुक्त्वाकाङ्क्षां विषयविषयां कर्म निर्नाश नेच्छो. दद्याद्दानं प्रगुणमनसा संयतायापि विद्वान् ।। ( सुभाषित रत्न संदोह १९/१७ १ अर्थ : कर्मनाश का इच्छुक विद्वान् विषयभोगों को यथार्थतः अनेक दुःखों एवं आपत्तियों को प्राप्त करानेवाले, नश्वर, तृष्णा के बढ़ानेवाले और कर्म रूप शत्रुओं के संचय में तत्पर • | जानकर तद्विषयक अभिलाषा को छोड़ता हुआ संयमी जन के लिए सरल चित्त से दान देवें । अतः सत् श्रावक को स्व कल्याणार्थ चार प्रकार का दान यति निकाय में देना चाहिये। L सुविधि ज्ञान चक्रिका प्रकाशन संस्था, औरंगाबाद. -
SR No.090399
Book TitleRatnamala
Original Sutra AuthorShivkoti Acharya
AuthorSuvidhimati Mata, Suyogmati Mata
PublisherBharatkumar Indarchand Papdiwal
Publication Year
Total Pages144
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size3 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy