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* श्री वीतरागाय नमः *
आचार्य श्री विमलसागरजी महाराज हीरक जयन्ती प्रकाशन माला
पुष्प संख्या ६४ श्री समन्तभद्राचार्य विरचित
रत्नकरण्ड श्रावकाचार
Mahatmasterestseemshalasseshahahahahahitik
प्रेरणा स्रोत : प० पू० १०८ उपाध्याय मुनि श्री भरतसागरजी महाराज
Kakadhakasathishthashhakhshahikshabandhahaany
हिन्दी टीका : आर्यिका १०५ श्री आदिमती मानसी
PARAN
प्रकाशक :
~~ श्री भारतवर्षीय अनेकान्त विद्वद् परिया
सोनागिर ( म०प्र०)