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________________ पुरुषार्थसिद्धयुपाय पद्य कोई हिंसा करता है सो फल हिंसा का मिलता है। कोई हिंसा करता है पर फल उष्टा ही मिलता है ।। यह विपित्रता परिणामों की जो उल्ला सीधा होता है। परिणामों के बल पर ही सब संसार मोक्ष होता है ॥५॥ mmmsantarw.vita अन्वय अर्थ----आचार्य कहते हैं कि [ फलकाले हिंसा कस्थ एक हिंसाफलमव दिशति ] उदयकालमें हिसारूप कार्य किसी जीवको एक हिसारूप हो फल देता है, अर्थात हिसाका फल हिंसा रूप ही मिलता है अर्गत् जो दसरोंकी हिंसा करेगा उसकी भी हिसा दूसरे करेंगे इत्यादि । तथा [ सैच हिमा अन्यस्य विपुल अहिंसाफलं दिशति ] वही हिंसारूप कार्य, किसीको बृहत अहिंसाका फल देता है अर्थात् उसकी हिंसा कोई नहीं कर सकता इत्यादि विचित्रता समझना चाहिए ॥५६॥ भावार्थ - इरादापुर्वक जीवहिंसा करने पर उसके फलस्वरूप पापकर्मका ही बना होता है जो उदयमें आनेपर उसकी हिंसा दुसरे जीव करते हैं और तीव्र दुःख पीड़ा देते हैं। असाताके तीन उदयसे क्षण भरको सुख नहीं मिलता न दूसरे कोई सहायक होते हैं। यह हिंसाका फल हिंसा रूप पापका उदाहरण है। और किसीका इरादा हिंसा करने का या दुःख देनेका नहीं है--सुख पहुँचाने का है, परन्तु कदाचित नियोगवश दुसरेका मरण या हिंसा (धात) हो जाय तो उसका फल उसको अहिंसाका ही मिलेगा अर्थात् पुण्यकर्मका बन्ध होगा और उदयकाल में उसकी रक्षा ही होगो कोई मार नहीं सकेगा इत्यादि हिंसाके अहिंसारूप फलका यह उदाहरण है ऐसा समझना चाहिये । सारांश यह कि पुण्य-पाप या संसार मोक्ष सब परिणामोंसे ही होता है--सब परिणामों पर ही निर्भर है अतएव परिणाम नहीं बिगाड़ना चाहिए, ऐसा पुरुषार्थ सदैव करना चाहिए ॥५६॥ नोट-इस विषयमें पहिले आत्मानुशायनका श्लोक में० २३ कहा हो गया है अस्तु । इसी तरह और भी फलभेदमें विचित्रता बतलाते हैं हिंसाफलमपरस्य तु ददात्यहिंसा तु परिणामे । इतरस्य पुनहिंसा दिशत्यहिंमाफलं नान्यत् ॥५७|| MemeSak पद्य कभी महिमा फल देती है हिंपाके परमार्मोका । हिंसा कभी जु फल देती है. स्वयं अहिंसा ऐसा व्यत्तिकम क्यों होता है, क्रिया और परिणामोंका। उत्तर ----फल भायों का होता क्रियानिमिसभाका ।।५।। १. अहिंसारूप। . .
SR No.090388
Book TitlePurusharthsiddhyupay
Original Sutra AuthorAmrutchandracharya
AuthorMunnalal Randheliya Varni
PublisherSwadhin Granthamala Sagar
Publication Year
Total Pages478
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Religion
File Size14 MB
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