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प्रवचन
सारोद्धारे
सटीके
॥ २ ।।
एतदर्थ उपरोक्त सभी संतपुरुषों के प्रति हम कृतज्ञ है। प्रस्तुतप्रन्थरश्न के द्वितीय माग के संपूर्ण मुद्रणध्यय प्रथम भाग की तरह श्रीपालनगर जैन संघ ट्रस्ट (बालकेश्वर-मुंबई) के ज्ञाननिधि की उदार सहायता से किया गया है, एतदर्थ ट्रस्ट के ट्रस्टी गण और सदस्य धन्यवाद के पात्र हैं और उनकी इस श्रुतभक्ति की हम अनुमोदना करते है। तदुपरांत पिंडवाडा प्रेस के संचालक श्री विजयराजजी मोदी और शंकरदासजी प्रादि अन्य कर्मचारिगरा भी ग्रन्थ के सुदर मुद्रण के लिए यशोभागी है। सहायता देने वाले सभी के प्रति हम कृतज्ञता व्यक्त करते है । शास्त्र के स्वाध्याय द्वारा मुमुक्षुगण अपनी मात्मा को कृतार्थ करें यही शुभेच्छा ।
लि०-ट्रस्टीगण भारतीय प्राsaara प्रकाशन समिति – पिण्डवाडा
प्रकाशकीय निवेदन
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