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________________ नारायण और बलीन्द्र प्रतिनारायण था। इनमें दत्त और वलीन्द्र सप्तम भरक में गये और राज्य त्याग सकल संयम धार नन्दीमित्र अजर-अमर पद (मुक्ति) को प्राप्त हुए। मानव जीवन का सार एक मात्र त्याग है, संयम है। चित कलश maram V प्रश्नावली १. मल्लिनाथ तीर्थ र स्त्री थे या पुरुष ? २. इनके जीवन की क्या-क्या विशेषताएँ हैं ? ३. वैराग्य का कारण क्या है ? पूर्वभव में कौन थे ? ४. इनके माता, पिता, जन्मस्थान, दीक्षा स्थान के नाम बताओ? ५. कितने दिन मौन से तप किया? केवलज्ञान कहाँ हमा? . ६. प्रथम प्राहार किसने दिया ? उसे क्या मिला ? ७. अापने तीर्थङ्कर होने वाले मुनिराज को आहार दिया क्या ? .. ८. केवली पाहार लेते हैं क्या ? ६. मोक्ष कल्याणक तिथि कौन सी है? . . .
SR No.090380
Book TitlePrathamanuyoga Dipika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijayamati Mata, Mahendrakumar Shastri
PublisherDigambar Jain Vijaya Granth Prakashan Samiti
Publication Year
Total Pages271
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Story, Literature, H000, & H005
File Size5 MB
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