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___ माधव दण्डनायक- होयसल नरसिंह तृतीय के समय में एक जैन सेनापति था जिसने कोप्पण तीर्थ पर एक व्रत के उद्यापनस्वरूप एक जिनालय का निर्माण कराया था और उसके लिए मूलसंघ देशीगण के माधनन्दि सिद्धान्ति को दान दिया था। वह उनका गृहस्थ-शिष्य था।
सोमेय दपइनायक होयसल नरसिंह तृतीय के महाप्रधान सोमेय दण्डनायक ने राजधानी के त्रिक्ट-रत्नत्रय-नरसिंह-जिनालय के लिए तथा उसमें शान्तिनाथ जिनेन्द्र की प्रतिमा प्रतिष्ठित करने के लिए राजा से तथा द्वारसमुद्र के नागरिकों से माधनन्दि मुनि को दान दिलाया था और उक्त दानशासन की व्यवस्था की थी।
केतेय दण्डनायक-बीरबल्लाल तृतीय का महाप्रधान, सर्वाधिकारी एवं सेनापति केतेय दण्डनायक परम जैन था। उसने 1332 ई. में एडेनाई की कोलगणबसदि (जिनालय) के लिए दो ग्रामों के राज्यकरों का दान दिया था।
184 :: प्रमुख ऐतिहासिक जैन पुरुष और महिलाएँ