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________________ प्राकृत-व्याकरण सूत्रानुसार-विषयानुक्रमणिका सूत्रांक १६ से २४ २५ और २६ तृतीय-पादः क्रमांक विषय १ कोप्सात्मक शब्दों के संबंध में प्रत्यय-लोप-विधि २ प्राकृत-भाषा के अकारान्त पुल्लिग-शब्दों के संबंध में विभक्ति-बोधक-प्रत्ययों का संविधान । ३ प्राकृत भाषा के इकारान्त-उकारान्त पुल्लिग शब्दों के संबंध में विभक्ति-बोधक प्रत्ययों का संविधान ४ प्राकृत-भाषा के नपुंसक लिंग-वाले शब्दों के संबंध में विभक्ति-बोधक प्रत्यों का संविधात प्राकृत-भाषा के स्त्रीलिंग वाले आकारान्त, इकारान्त, ईकारान्त, उकारान्त और ऊकारान्त शब्दों के संबंध म विभक्ति-बोध-प्रत्ययों का संविधान प्राकृत भाषा के शब्दों के संबोधन के एक वचन में प्राप्तव्य-रूप-विवेचना __ विवसन्त शब्दों में विभक्ति-बोधक प्रत्ययों को संयोजना होने पर अन्त्य स्वर की हप्चत्व-प्राप्ति का विधान ८ प्राकृत-भाषा के ऋकारान्त शब्दों के संबंध में विभक्ति बोधक प्रत्ययों का संविधान ९ "राजन्" शब्द के प्राकृत-रूपान्तर में विभक्ति वोधक-प्रत्ययों का संविधान । १० हलन्त नकारान्त संस्कृत शब्दों के प्राकृत-रूपान्तर में विभक्ति बोधक प्रत्ययों का संविधान २७ से २६ ४४ से ४८ ४९ से ५५ ५६ और ५७
SR No.090367
Book TitlePrakrit Vyakaranam Part 2
Original Sutra AuthorHemchandracharya
AuthorRatanlal Sanghvi
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages678
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari & Grammar
File Size18 MB
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