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________________ क्रमांक १६८ १७५ १०५ २०९ विषय सूत्रांक पृष्ठांक ११ अकारान्त सर्वनामों के प्राकृत-रूपारान्त मे विभक्तिबोधक प्रत्ययों का संविधान ५८ से ६१ १२३ १२ "किम्, तद्, यद, एतद्, और इदम" सर्वनामों के प्राकृत-रूपान्तर में विभक्तिबोधक-प्रत्ययों का संविधान ६२ से ७१८० रो ८६ - १३४ १३ "इदम्" शब्द के संबंध में विभक्ति-बोध-प्रत्ययों का संविधान ७२ से ७९ १५० "अदस्" शब्द के संबंध में विभक्ति-बोधक-प्रत्ययों का संविधान "आमद" सर्वनाम शब्द के प्राकृत-भाषा में आदेशप्राप्ट रूप-समूह "अस्मद्" सर्वनाम शब्द के प्राकृत-भाषा में आदेशप्राप्त रूप-समूह १८८ संख्या-वाचक शब्दों के प्राकृत-रूपान्तर में विभक्तिबोधक-रूपों का संविधान १२३ २०० १- अवशिष्ट शब्द-रूपावलि के संबंध में विशेष विवरण १२४ से १२९ १९ द्विवचन के स्थान पर बहुवचन की संप्राप्ति का संविधान चतुर्थी विभक्ति के स्थान पर पष्ठी-विभक्ति को संप्राप्ति का निरूपण २१ विभिन्न विभक्तियों की परस्पर में व्यत्यय-प्राप्ति तथा स्थानापन्नता का संविधान १३२ से १३७ २२७ २२ संज्ञाओं से क्रिया-रूप बनाने की विधि का निर्देश १३८ २३ वर्तमान-काल में तीनों पुरुषों के दोनों वचनों में धातुओं में प्राप्तव्य प्रत्ययों का सविधान १३९ से १४५ २४ संस्कृत-पातु "अस्" की प्राकृत-भाषा में रूप-व्यवस्था १४६ से १४८ २५४ २५ प्रेरणार्थक क्रियापद के रूपों का संविधान १४१ से १५३ २६ अकारान्त धातुओं के अन्त्य "अ" के स्थान पर काल बोधक प्रत्ययों की संप्राप्ति होने पर "आ" अथवा "ह" अथवा "ए" की प्राप्ति का निरूपण । १५४ से १५५ २७ "कर्मणि-प्रयोग, भावे प्रयोग" विधि से संबंधित प्रत्ययों का संविधान १६० और १६१ २. भूतकाल-विधि से संबंधित प्रत्ययों का गंविधान १६२ ओर १६३ 930 १३१ २९३
SR No.090367
Book TitlePrakrit Vyakaranam Part 2
Original Sutra AuthorHemchandracharya
AuthorRatanlal Sanghvi
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages678
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari & Grammar
File Size18 MB
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