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________________ (८) मास जइउ धरिउ, सहीए दुख महंत । ५ वाला तुरगह न दिठ मई, यह पछितावर नित ॥ ४२६ ॥ चौपाई दस माता तरणे बयर निमुणेइ, पंच दिवस कउ वालउ होइ । 1 खरण इकु माह विरधि सो कथउ, फुणिसो मय भयउ वेदहउ | ४३० | खरण लोटइ खरण श्रालि कराइ, खर खर अंचल लागइ धाइ | खण खण जेत्वणु मागइ सोइ, बहुतु मोहु उपजावइ सोइ । ४३१ । sass चरितु तहा तिहि कियउ, फुरिंग ग्रापणउ रूपो भयउ १ २ माता मरण सुनु मोहि, कवतिगु श्राज दिखालउ तोहि ||४३२ || सत्यभामा का हलधर के पास दूवी को भेजना एतउ अवसर कथंतर भयउ, सतिभामा महलउ पठयउ 1 3 तुम बलिभद्र भए लागने, ग्रास काम रुकमिणी तरणे ॥४३३॥ (४२६) १. वाकड बीउ (क) अंक भरिउ ( ख ) श्रंक लिउ (ग) २. हि तव कंठ लायो (ग) ३. जीतव्य फल ( क ) जीविउ सफनु (ख) जीवट सफलु (ग) ४. उरि पारित्र (ख) मइ हरि घरचे (ग) ५. बालक होतु न बीट्ठ मइ इह पछिलाषा पूत ( ग ) (४३०) नोट- चौपड़ व प्रति में नहीं है। (४३१) १. भोजन रोइ (ग) (४३२) १. सुखहि तू (क) २. कलिंग (क) नोट- प्रति में चीया चरण नहीं है। मूलप्रति में 'उसो' पाठ है । ( ४३३) १. अमर ( क ख ग ) २. कंचुकि ( क ) महला (ग) ३. अइसा (क) इसे ( ग ) ४. किये (खग) मूलप्रति में - पठयो' पाठ हैं
SR No.090362
Book TitlePradyumna Charit
Original Sutra AuthorSadharu Kavi
AuthorChainsukhdas Nyayatirth
PublisherKesharlal Bakshi Jaipur
Publication Year
Total Pages308
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Story
File Size5 MB
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