SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 58
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ चौपाई १११ देखि चरित जब बोलइ राउ, अब मो भयउ मरण को ठाउ । अतिरियहं तण उ जु पतिगउ करइ, सो माणस अणखुटइ मरइ । तिरिय चरितु निसणउ भरिभाउ, बिलख बदन भउ खगवइराउ ।२६६ ध्रुबक छन्द स्त्री चरित का वर्णन अलियउ वोलइ अलियउ चलइ, निउ पिउ छोडइ अवरु भोगवइ । तिरियहि साहस दणो होइ, तिरिय चरित जिण फुलई कोइ ।।२६७।। चौपई - नीची जुधि तिम्बइ मनि रहइ, उतिमु छोडि नीच संगई । । पयडी नोच देइ सो पाउ, एसो तिवई तणउ सहाउ ॥२६८॥ -- . - .. (२६६) १. पुरिण (क ख) तव (ग) २. सोभइ (फ) २. इस मोहि जुगतउ | मरण का ठाउ (ग) ४. त्रिय (क) सिया (ग) ५. पतिगत (ख) पतिगह (क) | मरोसा (ग) ६. भूरिख (क) नर जाणउ (ग) ७. अनटो (क ख) ६. त्रिम (क) सिरिय (ख) तिया (ब) मूल पाठ लिनिय ६. सुरगड (ग) १०. धरिभाउ (ग) ११. पयउ (क) तह (ग) १२. तब राउ (फ) बोलइ राउ (ग) (२६७) १. चवइ (कस्स) चहि (ग) २. निय पिय (क) निउ पिउ (ख) | थाहगु (ग) मूल पाठ केवलं पिर है । ३. छोडि (क ख ग) ४. पौरिष (क) ५. पूज (ख) दुवराज (क) ६, नथि (क) मतु (ग) ७. भूलइ (क) भूलउ (ख ग) (२६८) १. नीच ख) २..लिया (क) ती (ख) तियह (ग) ३. ममि रहे (क) मनु हरप (ख) मा धरहि (ग) मूल पाठ मुनि ४. संपहा (क ख) भोगवहि (ग) ५. नीची (क ख ग) ६. वे सो पाय (क) देई सो पाउ (ख) वह सिर पार (ग) ७. श्रियह (क) ती मई (ख) तो ३६ (ग)
SR No.090362
Book TitlePradyumna Charit
Original Sutra AuthorSadharu Kavi
AuthorChainsukhdas Nyayatirth
PublisherKesharlal Bakshi Jaipur
Publication Year
Total Pages308
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Story
File Size5 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy