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( ४६ )
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सागरू गरूal यमंतु, हाथि कुम्बस्यो भिरउ तुरंतु ।
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मारि दंतुसल तोडइ सोइ, चडिवि कधि करि अंकुस देइ ॥ २१३॥
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पुरवावी लइ गए कुम्बर, तेइ बिसहरू विस
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कालु ।
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जाइ बीरू तहां उपर चढइ, विपहर स्थिभिड ।। २१४||
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तहि गहि पूछ फिरावइ सोइ, बिलख वदनु त फुरावइ होइ ।
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ग्राफी छुरी ॥ २१५ ॥
फुरिण तिहि विसहर सेवा करी, काममूदरी
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मलयागिरि पर जब गयउ करि विसादु फुरिण उभउ भयउ ।
अमरदेव तहि श्रायउ धाइ, निर्जिणि केंद्रप घरीउ रहाइ ॥२१६||
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हरियो देवभगति तिस करइ, कंकर जुवलु आणि सो घरइ ।
सिखरू
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देइ अविचारू, आर्पिड आणि वस्त उनिहारू ॥२१७
मुटु
(२१३) १. सो ( क ख ग ) २. गयव ( क ) ३. प्रतिहि (क) परभय (ख) वा ( ग ) ४. हाकि (ग) ५. कुमर सो (क) कुमरसिहं (ख) कुवरू (ग) (ग) ७. मारिय (क) र (ग) ८. फुणि मानौ १०. लेइ (ग)
६. फिड (क) भिडिउ (ख) उठि सोइ (ग) ६. तब ( क ) सो (ग) (२१४) १. बावडी (क) विविभो (ग) २. गयउ (क) गया (ग) ३. कुमार ( क, ख ) कुमारू ( ग ) ४. तव हि (क) तहि ( ग ) ५. नयका (ग) तबहि सूर इक कर कार (क) ६. तिह (क) तह (ख) तब (ग) ७. चढ्यो (ग) म. तेह सो (क) (२१५) १. तज (कख) तव ( ग ) २. तब ( क ख ग ) ३. भापी (क) रु M (6) are (1)
( २१६ ) ऊपरि यो ( क ) ऊपर जल ( ख ) ऊपर जे (ग) ३. fame (ख) विसमासु ( ग ) ४. तिह (क) करिए (ख) ५. ऊभा भया ६. कुंवर संघात कर लढाह ( क ) गिज्जि शिकंद्रषु धरिउ रहइ सुकंद्रम रहया या राइ (ग)
(२१७) १ हास्यो देव भगति तिस कर इहि (ख) अमर बैउ लवहा कारेड (ग) २. युगल ते (क) जुगल (ग) ३. धरहि (क) जि वीनउ आइ (ख) श्रारिण सो देइ ( ग ) ४. दुइ (क) दियो (ग) ५. प्रतिचारू ( क ) ६. आप्पा (क) माफि (ख) ७. प्राणिउ ख) प. उरहारू (कख)
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(ग)
नोट - २१७ मूल प्रति में प्रथम चरण में समरदेव सह आयउ धाइ पाठ है ।
२. गया ( ग ) ग) भयो (क) (ख) जिण्या