SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 46
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ( ४५ ) १ २ अमिनिकुड गउ जब वर वीरू, करइ आप हिव साहस धीरू Y 3 ४ 5 उ सरवरू चलियउजारिण, श्रमिनि कपड तहि पिउ ॥ २०८ ॥ 1 २ 3 ४ लेतइ वीरू अगाडो चलइ, विरख प्रांव तो दीठउ फल्यउ । ८ ५ उग्र तोडी सो खाँइ, वंददे पढ़तउ आइ ॥ २०६॥ × 3 ह कवर वीरू तू तोडहि ग्राम, सुहिसि आइ भिडहि संग्राम । 노 3 ४ कोपि मय तय तिहिप गयउ, तिहुसहु जुभु महाहउ किय ॥ २१०॥ ५ २ मयर पचारि जिगिउ सो देउ, कर जोडइ Y 4 पहुममालु दुइ हाथह लेइ, भर पावडी जुगलु सो देइ || २११|| 3 र विरगवइ सेव । ॐ ४ ५ ६ ७ तउ लइ मयरण कयथवरण गए, पयठइ मया फुग उभे भए । फ F ११ गयउ वीर जब वरणह मकारि, दुरू गौयरू उठिउ विचारि ॥ २१२ ॥ ܀ ( २०८ ) १. गज ( क ) पहुता ( ग ) जब गइयज (ख) २. प्राण हिय (क) पता साह ( ख ) तह (ग) ३. ठउ ( क, ख ) तूहा ( ग ) ४. सुरवर (फल) ५. चालिख ( क ) चाला ( ख ) ६. कपड (ख) निषाद (ग ७ आयी जाणि ( क ) बीन्हा आणि ( ग ) नोट -- मूलपाठ पाशाहिद के स्थान पर श्रापतेवा ( २०६ ) १ तितलड (क) तेल (ख) लेइ (ग) २. त भागो (क) अनुहड़ो स) श्रग हा (ग) ३. बलिउ (ख) चालियो ( ग ) ४. वृक्ष (ग) ५. श्रव (क) अशोक (ग) ६. को (क, ख) ७. फरिउ (क) फलिङ ८. वनरदेव ( क ) (ख) फुलियो (ग) 1— (२१०) १. यंत्र (फ) श्रां ( ख ग ) २. समाहि ( क ) ३. मोस्यो ( ग ) ४. केह ( क ) ति ( ग ) ५. स्यो ( ग ) माहि तिनि कियो (क) मालविक्कु भयो ( ग ) (२११) १. जियो (क) २. बुइ कर जोडि सु विनवद सोव ( ग ) २. बहु ५. युगल (क) पगहू (ग) (क) ४. पुरुष (ग) पहुष (क) ( २१२) १. तब से ( ग ) २. कयत्य (ग) ३. गयउ ( ग ) ४. जहर (ख) पति (ग) ५. बीट (ग) ६ तह (ख) सो (ग) ७. प्रभा भया (ग) ८ ले ले भयरण गज (क) ६. जे (ग) १०. बुद्धरू (ख) सुवर (क) (ग) ११. विकारि (फल) · नोट - २०६ का चौथा चरण (क) प्रति से लिया गया है ।
SR No.090362
Book TitlePradyumna Charit
Original Sutra AuthorSadharu Kavi
AuthorChainsukhdas Nyayatirth
PublisherKesharlal Bakshi Jaipur
Publication Year
Total Pages308
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Story
File Size5 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy