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आयरियहुँ केश सतसरा ।
सत्तीवशाय णमोक्करणा ।
इ पञ्चतीस परमक्खरहूँ ।
पउमचरिउ
जे परमाचार-विचार- परा ॥४॥ साहुहुँ मव-भय-परिहरणा ॥५॥
सुब- पारावार - परस्परहूँ ॥ ६ ॥ सिचरि-कवाद उग्घा ॥७॥ कुञ्जरहों में उप्परें कालु किउ ॥ ८॥
विस-चिसम-विसय-पिलाउ है ।
महु सुहइ रेन्तु भगन्तु थिय ।
घन्ता
कुसुम सुहिं विसजियइँ किट साहुकार । मरस भुञ्जन्तु उ स कुमार || ९ |
[ ८१. एकासीइमो संधि ]
ऋणु सेविड सायरु छक्तियउ हिउ दसाणणु रतएंग अवसान का पुणु राहवेंण बल्दिय सीप विस्तऍण ॥
[1]
उन्
ॠण से सेण चिन्ते ।
तें तें तें चित्तं ॥
राह-चम् पाण-पियल्लिया सेण तेंग सेण चित्तें ।
जिह वण घल्डिया तें तें तें विलें ॥ जंभेडिया ||१||
अमिय-रोम मोगासस ॥ २ ॥
रामहों रामाचिनिय गत्तहीँ ।