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परमचरित
चिन्धेण चिन्धु । सह सरण विवक्षु ॥३॥ रहु रावरेण । गउ गयवरेण ॥८॥ हउ हयवरेण । पर परवरेण ॥६॥ हत्थेण अण्णु । पाएण अण्णु ॥१॥ पपिहयएँ अण्णु । जयए अन्णु ||१|| दिहाएँ भण्मु । मुट्टीएँ अन्णु ॥१२॥ उरसा वि अनु। सिरसाधिप तालेण अण्णु । तरलेष भण्णु ॥१३॥ साष्ण अण्णु । सरलेण अण्णु ॥१५॥ चम्दर्णण अणु । बन्दणण अण्णु ॥१६॥ जागेण अण्णु । चम्पएण अण्णु ॥७॥ णिग्वेण अण्ण । पक्रण अण्णु ॥1॥ सओण अण्णु । अणण अण्णु ||१|| पाइलिए अण्णु । पुष्फलिए अण्णु ॥२०॥ केअइएँ अण्णु । मालेहए अण्णु ॥२॥ अणेपण अण्ण । इ एम सेन्णु ॥२२॥
धत्ता पवण - सुआहाँ पहरन्ताहाँ पाणायाम - थाम-परिचत्त । रिउसाहण-जन्दणवणई वेणि दि रज सरिसाइ समाई ॥२३॥
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पाडिय वर-तुरा रह मोदिय जूनिय मस कुआरा ।
वेस ६ गह-विलुक थिय केवल उक्लम-दुम-वसुन्धरा ॥1॥ वण - वलहूँ बसाणण - कराई। सुरह मि आणन्द - जमेराई ॥२॥ महियल सोइन्ति पढन्ताई। जिण-पतिम] पणमम्ताई ॥३॥ हण-चलई णिसण्णई घरणियल । अलमरई व सुकर उपाहि-जलें ॥ पण-चलाई सु-संतावियाई किह । बुपुते हि उभय-कुलाई बिह १५॥ वण-चलाई परोप्पर मीसिपाई। वर-मिहुणाई पदीसियई । सामीरणि - णिहए मुताई । रण रमणि मिळषि पसुताई ॥