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________________ सुखपूर्वक निवास करती थी|72 देवियों में से कोई तो वामा देवी का सुन्दरसुन्दर पदार्थों से उबटन करती थीं, कोई कोई क्षीरसागर जाती थी और वहाँ से विशुद्ध जल लाकर उसे स्नान कराती थीं। कोई-कोई सुन्दर निर्मल वस्त्र प्रदान करती थीं तो कोई प्रशस्त आभरण पहनाती थीं। कोई सिर के केशपाशों को मालती पुष्प की माला से सँवारती थी। कोई-कोई कपोलों पर सुन्दर चित्र लिखती थी तो कोई सुन्दर गीतों से उसका चित्त मोहित करती थी। कोई अपने हाथ से दर्पण दिखाती थी तो कोई पार्श्व में स्थित होकर सन्दर चंवरहराती थी। कोई अमृत-रसायन से युक्त भोजन समर्पित करती थी तो कोई नित्य नए आश्चर्य प्रकट करती थी। वे निरन्तर ऐसे भोग प्रदान करती थीं, जिन्हें इस लोक में दुर्लभ कहा जाता है। इस विधि से छ: म्गह व्यतीत हो गए।73 जब पार्श्व प्रभु का जन्म हुआ इन्द्रादि देवों ने नाना प्रकार के उत्सव मनाए। इन्द्र के ऐरावत हाथी के प्रत्येक मुख में सुशोभित दन्तमुसल था। प्रत्येक दाँत पर एक-एक सरोवर था। प्रत्येक सरोवर में नौकायें चल रही थीं। प्रत्येक सरोवर में पच्चीस-पच्चीस कमल थे। एक-एक कमल पर सवा..सवा सौ श्रीगृह थे। श्रेष्ठ कान्तिपूर्ण एवं विकामिन एक-एक काल में 138 पत्ते । म त्ते पर अप्सरायें नृत्य कर रही थीं। उन पत्तों पर चढ़कर इन्द्र भी गमन कर रहा था।4 शचि प्रसूति गृह में आकर माँ के पास एक मायामय बालक रखकर परमेश्वर को उठाकर चल पड़ी। शचि ने वह बालक इन्द्र को अर्पित किया। ईशान इन्द्र ने बालक पर छत्र तान दिया। पाण्डक शिला पर ले जाकर देवों ने अभिषेक कार्य सम्पन्न किया।76 सुरगणों की पंक्तियों ने क्षीरोदधि के सागरकूट की ओर प्रयाण किया। वहाँ विक्रियाऋद्धि करके देवगण आकाश मार्ग में स्थित होकर अभिषेक घटों को एक दूसरे को अर्पित करने लगे। देवगण मल को नष्ट करने वाले उन घड़ों को हाथों हाथ लेकर इन्द्र के हाथों में दे रहे थे और इन्द्र पुनः मन्त्र के पवित्र उत्तमरत्नों के समान दैदीप्यमान उन कुम्भों को जिननाथ के शीर्ष पर ढाल रहा - 72 पासणाहचरिउ 2/1 73 वही 2/2 74 वही 216 75 वही 27 76 वहीं 2:12 askesixsiashastasixsss 117 RASHISesTesrusastess
SR No.090348
Book TitleParshvanath Charitra Ek Samikshatmak Adhyayana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSurendrakumar Jain
PublisherDigambar Jain Atishay Kshetra Mandir
Publication Year
Total Pages275
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Story
File Size5 MB
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