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सन्मार्ग दिवाकर आचार्य विमलसागर जी महाराज की १०वीं पुण्य तिथि के उपलक्ष में
भट्टारक सकलकीर्ति विरचित
पार्श्वनाथ चरितम्
अनुवादक एवं सम्पादक पं० पन्नालाल जैन साहित्याचार्य
सौजन्य से
श्री गंगवाल जी जैन बन्धु, मु० - जयपुर
भारतवर्षीय अनेकान्त विद्वत् परिषद्