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________________ प्रस्तावना २१ मेष को लालच दिया जा रहा है कि वह उज्जयिनी में पौराङ्गनाओं के चंचल कटाक्षों का आनन्द ले जेवणः कुसुम धनुषो दुरवात रमोघः, मर्माविद्भिर्युपरिचिन अनुष्टिमुक्तः विशुद्ध मस्कुरित चकितैयंत्र पौराङ्गमानां J I लोलापाङ्गेयंदिन रमसे लोचनवस्थितः स्याः ॥ पाइ० १११०४ कवि ने मेष को सलाह दी है कि अक्षरों के (उच्चारण के ) बिना भी व्यक्त के समान मेघ के विषय में जो उत्कण्ठा को व्यक्त कर रही हैं, कुछ कुछ लज्जा से जो अपने शरीर को वक्र बनाकर जो आप्त के आगमन को प्रकट कर रही है ऐसी निविन्ध्या नदी के पास जाकर वह उसके रस (श्रृंगार अथवा जल ) को ग्रहण करने में अन्तरङ्ग बने, क्योंकि स्त्रियों की प्रणयी जनों में वेष्टा ही प्रथम प्रणय वाक्य हो जाता है । ७ - I सिन्धु नदी का एक ऐसी नायिका के रूप में वर्णन किया गया है जो वेणी के समान थोड़ा जल वाली तथा तीर में उगे हुए वृक्षों से गिरने वाले सूखे पत्तों से पीले वर्ण बाली है । दृष्टा वह परिश्यक्त वस्त्र वाली कामिनी के समान हंसों की पंक्तियों की गम्भीर आवाजों से मानों मेघ रूप नायक को बुला रही है । २ उज्जयिनी में तरङ्गों के मध्य भ्रमण करने से ठण्डा, जलकणों के समूह को बहा ले जाने वाला, उद्यान को कंपाने वाला, मद से युक्त भ्रमरों की मधुर गुंजार को प्रकट करता हुआ रमण की प्रार्थना में खुशामद करने वाले प्रियतम के समान शरीर को अनुकूल लगने वाला शिप्रा नदी का वायु स्त्रियों को रतिक्रीड़ा के परिश्रम को दूर करता है कल्लोलान्तर्वलन शिशिरः शोकरासारवाडी, धूतोद्यानो मदमधुलिहां व्यञ्जयन् सिञ्जितानि । यत्र स्त्रीणां हरति सुरतिग्लानिमङ्गानुकूलः, शिप्रावातः प्रियतम इव प्रार्थनाचाटुकारः ॥ १।११२ ।। ७१. स्वय्योत्सुक्यं स्फुटभित्र विनाऽप्यक्षरं व्यंजयन्त्याः, लज्जावलितभित्र सन्दशिताप्तागमाथाः । निर्विन्ध्यायाः पथि भव रसाम्यन्तरः सन्निपत्य स्त्रीणामाद्यं प्रणयवचनं विभ्रमो हि प्रियेषु ॥ पादर्षा ० १ ११०६ ७२. हंसश्रेणोकल विरुतिभिस्वामिवोपह्वयन्ती, वृष्टा मार्गे शिथिलवसनेवाङ्गना दृश्यते ते | वेणीभूततनुसलिला सामतीतस्य सिन्धुः पाण्डुच्छायातरुन शिभिकर्णवर्णः । पाश्वी० ११९०७
SR No.090345
Book TitleParshvabhyudayam
Original Sutra AuthorJinsenacharya
AuthorRameshchandra Jain
PublisherBharat Varshiya Anekant Vidwat Parishad
Publication Year
Total Pages337
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Story
File Size7 MB
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