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युग प्रमुख चारित्रशिरोमणि सन्मार्गदिवाकर पूज्य आचार्यको विमलसागरजी महाराज की हीरक जयन्ती प्रकाशन मात्र
भगवजिनसेनाचार्य प्रणीत
पाांभ्युदयम्
[ योगिराट् पण्डिताचार्यकृत संस्कृत व्याख्या युतम् ]
हिन्दी अनुवादक एवं सम्पादक डॉ० रमेशचन्द्र जैन, जैनदर्शनाचार्य
एम. ए., पी-एच. डी., डी. लिट् अध्यक्ष, संस्कृत विभाग, वर्तमान कालेज, बिजनौर
अर्थ सहयोग श्री अशर्फीलाल अशोककुमार जैन सर्राफ, इन्दौर
प्रकाशक
भारतवर्षीय अनेकान्त विद्वत् परिषद्