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________________ ३०२ पंडित टोडरमल : यक्तित्व मौर कर्तृत्व बना लिये गए हैं। कहीं-कहीं 'या' के साथ 'हुना है' भी लगा दिया गया है और कहीं-कहीं 'या' के स्थान पर 'या' भी लगा हुआ है। उदाहरण इस प्रकार हैं :बंध+ई+थी बंधी थी पूर्वे असाता आदि पाप प्रकृति बंधी थी। रच+ए-रचे द्रव्यानुयोग के ग्रंथ रचे । बक्स+ई-बक्सी राजा बक्सी। सामान्यभूत सम्बन्धी उदाहरण निम्नानुसार हैं :-- देख --या देख्या नृत्य देख्या । सुन+या सुन्या राग सुन्या । सुंध--या-सूच्या फूल सूंघ्या। जान+या-जान्या स्वाद जान्या । स्पर्श - आ = स्पर्शा पदार्थ स्पर्शा। ग्रह + या + हुआ = ग्रह्या हुग्रा मुखद्वार करि ब्रह्मा हमा भोजन..."। उपदेश +- या = उपदेश्या सम्यग्दृष्टि जीव उपदेश्या सत्य बचन को श्रद्धान कर है। मु (मरना) + ए = मुए मुए पीछे हमारा यश होगा । भू - ए = भए विराजमान भए । भू + ई = भई प्रारंभी अर पूरण भई। भू + यो = भयो सफल मनोरथ भयो हमारो। उपज + यो उपज्यो उपज्यो मानुष नाम कहाय । धर + यो = धरचो नाम घरयो तिन हर्षित होय, टोडरमल्ल कहैं सब कोय ।
SR No.090341
Book TitlePandita Todarmal Vyaktitva aur Krititva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHukamchand Bharilla
PublisherTodarmal Granthamala Jaipur
Publication Year
Total Pages395
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Biography, & Story
File Size7 MB
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