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________________ पंजित दोडरमल : व्यक्तित्व और कर्तृत्व सकते हैं। प्राध्यात्मिक विषय के प्रतिपादन में स्वीकार की गई शैली में व्यक्तित्व का ऐसा मुखरित रूप बहुत कम आध्यात्मिक लेखकों में मिलता है। पंडितजी की उक्त शैली में दृष्टान्तों का प्रयोग मणिकांचन प्रयोग है। एक ही मूल बात के प्रतिपादन के लिए कभी वे एक दृष्टान्त को दूर तक चलाते चले जाते हैं और दृष्टान्त सांगरूपक की सीमाओं को भी लाँध जाता है । कभी वे एक ही जगह काई दृष्टान्तों का प्रयोग करते हैं। ये दृष्टान्त लोक प्रसिद्ध और जाने माने होते हैं । इनके चयन में गद्यकार टोडरमल का सूक्ष्म वस्तु निरीक्षण प्रतिफलित होता है। उदाहरण के लिए हम यहाँ उनके एक गद्यखण्ड पर विचार करेंगे । इस गद्यस्खण्ड का मुख्य प्रतिपाद्य है कि मतिज्ञान इन्द्रिय और मन की सहायता से होता है - दोनों में निमित्त-नैमित्तिक सम्बन्ध है । यहाँ निमित्त का अर्थ है कारण (वाद्य कारण) और नैमित्तिक का अर्थ होता है कार्य 1 प्रश्न है- जीव पदार्थों का ज्ञान कैसे करता है ? यहाँ जानना कार्य है और ज्ञाता है जीव, लेकिन वह इन्द्रिय और मन की सहायता से ज्ञान करता है, इसलिए ये निमित्त कारण हैं । जीव तात्त्विक दृष्टि से ज्ञानस्वरूप है किन्तु वर्तमान में शरीरबद्ध है, अतः उसके ज्ञान में उसकी अंगभुत इन्द्रियों और मन निमित्त हैं । इस तथ्य को समझाने के लिए वे निम्नलिखित दृष्टान्त शैली अपनाते हैं : "जैसे जाकी दृष्टि मन्द होय सौ अपने नेत्रकरि ही देख है परन्तु चसमा दीए ही देखे । बिना चसमै के देखि सक नाहीं । तैसे आत्मा का ज्ञान मंद है सो अपने ज्ञान हो करि जाने है परन्तु द्रव्य इन्द्रिय वा मन का सम्बन्ध भए ही जानें, तिमि बिना जानि सकै नाहीं । बहरि जैसे नेत्र तो जैसा का तैसा है पर चसमाविर्षे किछु दोष भया होय तो देखि सकै नाहीं, अथवा थोरा दीसे अथवा और का और दोस, तैसें अपना क्षयोपशम तो जैसा का तैसा है अर द्रव्यइन्द्रिय वा मन के परमारण अन्यथा परिगामें होंय तो जानि सकै नाही, अथवा थोरा जाने अथवा और का और जान । जाते द्रव्य इन्द्रिय वा मनरूप परमाणुनिका परिणमनकै अर मतिज्ञानकै निमित्त-नैमित्तिक सम्बन्ध है
SR No.090341
Book TitlePandita Todarmal Vyaktitva aur Krititva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHukamchand Bharilla
PublisherTodarmal Granthamala Jaipur
Publication Year
Total Pages395
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Biography, & Story
File Size7 MB
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