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________________ bre प्रकाशन विभाग हमारे प्रकाशन श्री टोडरमल ग्रन्थमाला के नाम से होते हैं । सर्वप्रथम हमें प्राचार्यकल्प पंडित प्रवर टोडरमलजी की अमर कृति 'मोक्षमार्ग प्रकाशक' के प्रकाशन का महान सौभाग्य प्राप्त हुआ । तदुपरान्त जैन समाज के प्रसिद्ध मूर्धन्य विद्वानों के मध्य जयपुर ( खानियाँ ) में हुई ऐतिहासिक तत्त्वचर्चा जो कि 'खानियाँ तत्त्वचर्चा' के नाम से प्रसिद्ध है, का प्रकाशन हमारे यहाँ से हुआ | हमारे सभी प्रकाशनों की सूची प्रस्तुत ग्रंथ के आवरण पृष्ठ पर दी गई है। महाराष्ट्र व गुजरात की माँग पर हमारी कतिपय पुस्तकों का मराठी व गुजराती में भी प्रकाशन हुआ है । प्रचार विभाग पंडित हुकमचन्द शास्त्री द्वारा श्री दिगम्बर जैन बड़ा मंदिर तैरापंथियान, जयपुर में प्रातः और श्री टोडरमल स्मारक भवन में सायंकाल प्रवचन होता है, जिनसे काफी संख्या में तत्वप्रेमी समाज लाभ लेता है। बाहर से उनके प्रवचनार्थं बहुत ग्रामन्त्रण प्राते हैं, पर समयाभाव के कारण बहुत कम जा पाते हैं । फिर भी बम्बई, दिल्ली, कलकत्ता, गोहाटी, अहमदाबाद, उज्जैन, नागपुर, शोलापुर, कोल्हापुर, इन्दौर, सागर, उदयपुर, भोलवाड़ा, विदिशा, अलवर, आगरा, खण्डबा, कुचामरण, अशोकनगर, ललितपुर, शिरपुर, महावीरजी गुना, सीकर यादि कई स्थानों पर पंडितजी गए हैं और उनके द्वारा महती धर्म प्रभावना हुई है। आपकी व्याख्यान शैली से सारा समाज परिचित ही है । इस प्रकार संक्षेप में ट्रस्ट की गतिविधियों का परिचय ग्रापके सम्मुख प्रस्तुत किया है । हमारे प्रत्येक विभाग का कार्यक्षेत्र बहुत बड़ा है प्रोर उसमें कार्य बढ़ाने की बहुत गुंजाइश है । तत्त्वप्रचार की और कई योजनाएँ भी विचाराधीन हैं ऐसा कहने में कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी कि संस्था को वर्तमान स्वरूप प्राप्त होने का श्रेय ट्रस्ट के सम्माननीय अध्यक्ष श्रीमान् सेठ पूरणचंदजी गोदीका को है, जिन्होंने ट्रस्ट की समस्त (xxi )
SR No.090341
Book TitlePandita Todarmal Vyaktitva aur Krititva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHukamchand Bharilla
PublisherTodarmal Granthamala Jaipur
Publication Year
Total Pages395
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Biography, & Story
File Size7 MB
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