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________________ १७८ पंडित टोडरमल : व्यक्तित्व और कल्य में देव को मुख्यता दी गई है और बुद्धिपूर्वक किए जाने वाले कार्यों में पौरुष प्रधान है' । उपदेश सदा बुद्धिपूर्वक किए जाने वाले कार्यों के लिए ही दिया जाता है। अतः पंडित टोडरमल ने अपने साहित्य में सर्वत्र पुरुषार्थं को प्रधानता दी है। उन्होंने कार्योत्पत्ति में काललब्धि, होनहार एवं कर्म की उपशमादि अवस्थाओं को यथास्थान स्वीकार करते हुए पुरुषार्थ पर जोर दिया है। उपदेश का महत्त्व भी मात्र प्रेरणा तक ही सीमित है, कार्यसिद्धि पुरुषार्थ पर ही निर्भर करती है । पुरुषार्थी को अन्य साधन स्वयमेव मिलते हैं, किन्तु पुरुषार्थ का विवेकपूर्वक सही दिशा में होना अति आवश्यक है । पंडित टोडरमल के साहित्य में पुरुषार्थ को प्रमुखता प्राप्त है, पर पुरुषार्थ की व्याख्या उनके अनुसार लौकिक मान्यता से हट कर है । लौकिक जनों में पुरुषार्थ प्रायः उन प्रयत्नों को समझा जाता है, जिनका प्रयोग व्यक्ति लौकिक उपलब्धियों के लिए करता है, पर लौकिक उपलब्धियाँ पुरुष प्रयत्नसापेक्ष हैं हो कब ? यदि लौकिक उपलब्धियाँ पुरुष प्रयत्नसापेक्ष हो, तो फिर जो जितना श्रम करे उसे उतना मिलना चाहिए, किन्तु वस्तुस्थिति बहुलता से इसके विपरीत देखी जाती है । श्रतः शरीर-मन-वाणी, सौंदर्य, आरोग्य तथा धन-धान्य, स्त्री-पुत्रादि, सभी वस्तुएँ देवकृत हैं। वर्तमान में आत्मा तो मात्र इनकी उपलब्धि के लिए राग-द्वेष रूप विकल्प मात्र करता है । इनके सम्पादन में इसका कोई अधिकार नहीं है । वर्तमान जीवन में जो भी लौकिक उपलब्धियाँ होती हैं. वे पूर्व नियोजित देव के अनुकूल होती हैं, तथा भावी भाग्य की रचना का श्राधार श्रात्मा का वर्तमान पुरुषार्थ है । आत्मा का पुरुषार्थ यदि पाप में प्रवर्तित होता है तो उसके निमित्त से पापकर्म का संचय होता है और यदि पुष्य में वर्तन करता है तो पुण्यकर्म संचित होता है। यही पुण्य-पाप कर्म श्रात्मा का देव या भाग्य कहलाता है । जड़ कर्मों के निमित्त से समस्त लौकिक सुख-दुःख की प्राप्ति सम्भव होती है, किन्तु श्रात्मा के प्राधीन शाश्वत आनन्द की प्राप्ति १ प्राप्तमीमांसा, श्लोक ६१ I
SR No.090341
Book TitlePandita Todarmal Vyaktitva aur Krititva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHukamchand Bharilla
PublisherTodarmal Granthamala Jaipur
Publication Year
Total Pages395
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Biography, & Story
File Size7 MB
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