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________________ मोक्षमार्ग प्रकाशक है, मोक्ष का शास्त्र नहीं। वे मोक्ष का मार्ग बताते हैं, उस पर चलाने का काम नहीं करते । बह नेता नहीं, स्वयं एक राही हैं । लेकिन राह को समझ लेना और दूसरे को ठीक-ठीक समझा देना बहुत बड़ा काम है। तत्त्वार्थसूत्र का पहला सूत्र 'सम्यग्दर्शन ज्ञानचारित्रारिण मोक्षमार्ग:' रट कर जो लोग अपने प्रापको सम्यग्दृष्टि और मोक्षमार्गी समते हैं, मोक्षमार्ग प्रत्र, नारों साल देने वाला ग्रन्थ है। जो जैन यह समझते हैं कि जैन कुल में उत्पन्न होना ही सम्यग्दृष्टि होना है, यह ग्रंथ उनके इस दंभ को चूर-चूर कर देता है । मोक्षमार्ग प्रकाशक में मिथ्याइष्टि की विस्तार से चर्चा है, ताकि उसग बचा जा सके । 'संग्रह त्याग न बिन पहिचान । जैनाभासों का उनका विभाजन मौलिक है-१. निश्चयाभासी, २.व्यवहाराभासी और ३. उभयाभासी। उनकी आलोचना रचनात्मक है। उन्होंने इसके द्वारा जैनों में व्याप्त प्राध्यात्मिक स्वच्छंदतावाद, वाद्याडबरवाद और संशयावाद पर तीव प्रहार किया है। उन्होंने सामाजिक रूढ़ियों की भी आलोचना की है, परन्तु उन्होंने कभी अपने आपको समाज-सुधारक नहीं कहा । इस प्रकार मोक्षमार्ग प्रकाशक न केवल प्राध्यात्मिक ग्रंथ है, बल्कि समाज का दर्पण भी है, और हम चाहें तो उसमें अपने मुंह का आकार 'देख सकते हैं। मोक्षमार्ग प्रकाशक आध्यात्मिक चिकित्सा का शास्त्र है, जिसमें रोग का निदान ही नहीं वरन् औषधि भी है। इसमें पंडितजी केवल वीतराग-विज्ञानी ही नहीं, वरन् अनुभूतिमुलक गद्यकार, पालोचक और एक महान प्राधिनक एवं उत्तरदाता के रूप में हमारे सम्मुख पाते हैं। इच्छात्रों का विभाजन . पंडितजी के अनुसार शास्त्र साधन है, साध्य है वीतरागता । वीतरागता के साथ राग नहीं रह सकता। पंडितजी अर्थशास्त्र के पंडित नहीं थे, परन्तु उन्होंने मनुष्य की इच्छानों का विभाजन करते हुए प्रकारान्तर से बताया है कि अर्थशास्त्र और धर्मशास्त्र की सीमाएँ क्या हैं ? उनके अनुसार इच्छाएँ चार प्रकार की हैं-विषयगत इच्छाएँ जिन्हें अर्थशास्त्र में मल अावश्यकताएँ कहते हैं, जिनको पुत्ति और प्रत्ति के साधन जीवन के लिये जरूरी हैं। दूसरी और तीसरी इच्छाएँ वे हैं जो मनुष्य में पाप या पुण्य के उदय से उत्पन्न होती हैं और जिनका
SR No.090341
Book TitlePandita Todarmal Vyaktitva aur Krititva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHukamchand Bharilla
PublisherTodarmal Granthamala Jaipur
Publication Year
Total Pages395
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Biography, & Story
File Size7 MB
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