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________________ पंडित टोडरमल : व्यक्तित्व और कर्तृत्व लब्धिसार-क्षपरगसार महाअधिकार के भी दो विभाग हैं :(१) लब्धिसार भापाटीका अधिकार (२) क्षपणासार भाषाटीका अधिकार लब्धिसार भाषाटीका अधिकार में सम्यक्त्व का और क्षपणागार भाषाठीका अधिकार में चारित्र सम्बन्धी विशेष वर्णन है । लब्धिसार भाषाटीका अधिकार में दर्शन-मोह के उपशम व क्षपण तथा सम्यग्दर्शन की प्राप्तिकाल में होने वाली पांच लब्धियों (क्षयोपशमलब्धि, देशनालब्धि, विद्धिलब्धि, प्रायोग्यलब्धि, करणालब्धि) का विस्तार से वर्णन है। विशेषकर करणलब्धि के भेद अधःकरण, अगुपकरण, अनवृत्तिकरण का वर्णन करते हुए अनेक चार्टो द्वारा परिणामों (भावों) के तारतम्य का विस्तृत वर्णन है । सम्यग्दर्शन के भेद -- उपशम सम्यग्दर्शन, क्षयोपशम सम्यग्दर्शन : और क्षायिक सम्यग्दर्शन तथा इनके भी अंतर्गत प्रभेदों का विस्तार से वर्णन किया गया है । इसी प्रकार क्षपणासार भापाटीका अधिकार में चारित्र-मोह के उपशम व क्षरण का विस्तृत विवेचन है; तथा देशचारित्र ब सकलचारित्र, उपशमधेगगी व क्षारकथेरगी, मयोग केवली व अयोग केवली अादि का भी वर्णन है । अंगीकाल में होने वाले अधःकरण. अपूर्वकरण और अनित्ति करगा परिणामों के तारतम्य को बहुत बारीकी से गांगत द्वारा समझाया गया है । अन्त में लब्धिसार और क्षपणामार के विषय को मंदृष्टियों द्वारा स्पास्ट किया गया है । बसे तो प्रत्येक महाधिकार के अन्त में उपसंहारात्मक छोटीछोटी प्रशस्तियों दी गई हैं किन्तु सर्वान्त में सट छन्दों की विस्तृत . प्रशस्ति दी गई है, जिसमें ग्रंथ सम्बन्धी चर्चा ही अधिक की गई है, लेखक के सम्बन्ध में बहुत कम लिखा गया है। जो कुछ लिया गया है वह आध्यात्मिक दृष्टिकोण से लिखा गया है। उसमें उनके आध्यात्मिक जीवन की झलक तो मिल जाती है किन्तु भौतिक जीवन की जानकारी न के बराबर प्राप्त होती है।
SR No.090341
Book TitlePandita Todarmal Vyaktitva aur Krititva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHukamchand Bharilla
PublisherTodarmal Granthamala Jaipur
Publication Year
Total Pages395
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Biography, & Story
File Size7 MB
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