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________________ महाकद सिंह विसः पन्जुष्णचरिउ पशु (पालतू) ऊँट (करह, 2/14/9), करहया (10/7/8), पग्गहय (11/6/3), कुत्ती (कुक्कुरि, 6/5/3), सरमा (5/16/15), साणिहु (5/17/3, 9/10/12), खच्चर (बेसरा, 10/7/10), गज (गय 179/4), गधी (खरि 9/10/12), घोड़ा (हय, 1/9/4), तुरंग (2/14/10), बन्दर (मक्कडु, 11/4/3), लंगूल (62/10), बैल (वसहइ, 10/11/6), मेष (मेढा, 10/16/7), जण्हु (10/15/5), मृग (मय 1/8/8, 1/9/I)। पक्षी काग (वायसु, 6/21/3). कीर (तोता, I/8/1), कुरर (एक पक्षी 4/1/8). कोयल (कलयंठि, 3/1/10, 1/8/7), परहुव (6/4/7), पिई (4/1/10), कौंच (कोंच, 11/3/10), गरुड़ (2/10/6), गिद्ध (2/18/11, 12/2719), चक्रवाक (कारंड, 11/3/10), खंगइ (2/20/1), चकवी (चक्कि, 6/21/4). सारस (इल्ल. 11/3/10), शुक (1/7/6, 3/1/11), (कण, 11/3/10), शिखण्डी (सिंहमि. 3/1/11), हंस (हंसु 7/11/!!), मुर्गा (तंवचूल, 14/16/4)। जीव-जन्तु ___ अहि (सर्प, 2/17/3), भुयंग (1/8/9,711719), पवण असणस्स (8/4/6), पण्णउ (9/1318), अजगर (अहिष्ण, 2/18/2), कर्कट (कक्कउ, 1/11/7), कछवा (कुम्म, 8/16/4), कालिय (2/10/6), भ्रमर (छप्पय, 8/11/9), मगर (1/11/7,8/16/4), संसुमार (4/1/13), मच्छ (तिमि, 3/4/10) पाढीणु (मीन 1/11/7), झस, (मीन, 7/12:2)। राजनैतिक भूगोल जिस प्रकार प्रकृति से सम्बन्ध रखने वाली भौतिक सामग्री प्राकृतिक भूगोल का विषय है और उसमें नदी, पर्वत, वनस्पति एवं पशु-पक्षियों की चर्चा की जाती है, उसी प्रकार राजनैतिक-भूगोल में राष्ट्र, देश, नगर तथा उसकी प्रशासनिक एवं सीमा-सम्बन्धी सामग्रियों की चर्चा प्रमुख रूप से प्रस्तुत की जाती है। इस दृष्टि से प०च० में राजनैतिक-भौगोलिक सामग्री प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। यद्यपि कवि ने उल्लिखित देशों एवं नगरों की अवस्थिति के विषय में कोई चर्चा नहीं की है, फिर भी उनके उल्लेखों से कवि की मध्यकालीन भौगोलिक जानकारी का अच्छा परिचय मिलता है। अत: उनका संक्षिप्त परिचय वर्णानुक्रम से यहाँ प्रस्तुत किया जा रहा है..अहंगयाल (14/5/6) प०च० में इस देश की अवस्थिति के विषय में कोई संकेत नहीं। वर्तमान भारतीय भूगोल- शास्त्र के अनुसार भी इस देश का पता नहीं चलता। महाभारत में अभय नामक एक प्राचीन जनपद का उल्लेख मिलता है, जिस पर भीम ने विजय प्राप्त की थी, हो सकता है कि कवि का संकेत इसी जनपद की ओर हो। अर्धमागधी आगम-साहित्य में भी इस देश के नामका उल्लेख नहीं मिलता। आभीर (14/5/5) आभीर की अवस्थिति के विषय में विविध प्रकार के उल्लेख मिलते हैं। महाभारत के अनुसार सिन्धु एवं सरस्वती के तट पर स्थित एक आभीर गणतन्त्र था। उस पर नकुल ने विजय प्राप्त की थी। विक्रम की तीसरी 1. सभा पर्व. 3091
SR No.090322
Book TitlePajjunnchariu
Original Sutra AuthorSinh Mahakavi
AuthorVidyavati Jain
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year2000
Total Pages512
LanguageHindi, Apbhramsa
ClassificationBook_Devnagari & Story
File Size12 MB
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