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प्रस्तावना
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पच० में कवि ने जिन छन्दों के प्रयोग किए हैं, उनका संक्षिप्त परिचय निम्न प्रकार है...
छन्द-नाम
लक्षण
पज्जुण्णचरिउ के उदाहरण
पद्धडिया पादाकुलक
द्विपदी चारुपद चन्द्रलेखा चतुदी
आरणाल (षट्पदी) अलिल्ला सुतार
षट्पदी
मात्रिक - मात्रा 16, अन्त जगण
1/9 मात्रिक - 16 मात्रा, सर्व लघु, अथवा
अन्त गुरु अथवा अन्त ल, ग 1/12 मात्रिक -28 मात्रा, अन्त ल, म
2/1-20; 9/13-24.15/2-28 मात्रिक - मात्रा 10 अन्त ल
5/15,7/15 मात्रिक - मात्रा 8, अन्त ग, ल अथवा ल, ग 8/8,1115 मात्रिक - विभिन्न मात्राओं वाला छन्द 13 सन्धि 12 मात्राएँ, अथवा
13/5 23 मात्राएँ, अथवा
13/6 16 मात्राएँ, अथवा
13/7 22 मात्राएँ
13/17 मात्रिक - मात्रा 29 (12+8+9)
10/16 मात्रिक – मात्रा 16, अन्त. ल, ल
10/11 मात्रिक – 38 मात्राएँ, अन्त में ल, ग प्रारम्भ में -नगण'
10/6 मात्रिक -.. मात्रा 28 (10+8+10)
10/19 पदान्त 'सगण'। मात्रिक – मात्रा 8 अन्तलघु
11/5 मात्रिक - मात्रा 23, अन्त में लघु अपवाद रूप में 15/1 मात्रिक ..--- मात्रा 12, 18, 12, 15
अन्त्य-प्रशस्ति मात्रिक - मात्रा 16, अन्त ल, ग
13/6/5, 13, 14 मात्रिक - मात्रा 8, अन्त ल, ग
1/2,5/14 वर्णिक – वर्ण 7, र, ज, ग
3/14 वर्णिक – वर्ण 12, ज, त, ज, र
8/17 अवहट्टय वर्णिक – वर्ण 12, य, य, य, य
2/1, 3/8 वर्णिक .. वर्ष 11, र, ज, र, ल, ग
8/9/3-4 वर्णिक – वर्ण 19, म, स, ज, स, त, त, ग 1,9, 10, 11, 12, 13, 14,
15 के अन्त में विषम मात्रिक छन्द – मात्रा !4, 16, 14, 13 9/1-12
14, 10, 14, 12 अन्त रगण विषम मात्रिक छन्द – मात्रा, 15+277264/1 से 4/17
+ दोहा
मधुभार
दुवई
गाथा (परपथ्या) त्रोटनक करमिकरभुजा उष्णिका वंशस्थ भुजंगप्रयात निःश्रेणी शार्दूलविक्रीडित
स्कन्धक (खंडिया)
वस्तु-छन्द