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________________ प्रस्तावना 155 पच० में कवि ने जिन छन्दों के प्रयोग किए हैं, उनका संक्षिप्त परिचय निम्न प्रकार है... छन्द-नाम लक्षण पज्जुण्णचरिउ के उदाहरण पद्धडिया पादाकुलक द्विपदी चारुपद चन्द्रलेखा चतुदी आरणाल (षट्पदी) अलिल्ला सुतार षट्पदी मात्रिक - मात्रा 16, अन्त जगण 1/9 मात्रिक - 16 मात्रा, सर्व लघु, अथवा अन्त गुरु अथवा अन्त ल, ग 1/12 मात्रिक -28 मात्रा, अन्त ल, म 2/1-20; 9/13-24.15/2-28 मात्रिक - मात्रा 10 अन्त ल 5/15,7/15 मात्रिक - मात्रा 8, अन्त ग, ल अथवा ल, ग 8/8,1115 मात्रिक - विभिन्न मात्राओं वाला छन्द 13 सन्धि 12 मात्राएँ, अथवा 13/5 23 मात्राएँ, अथवा 13/6 16 मात्राएँ, अथवा 13/7 22 मात्राएँ 13/17 मात्रिक - मात्रा 29 (12+8+9) 10/16 मात्रिक – मात्रा 16, अन्त. ल, ल 10/11 मात्रिक – 38 मात्राएँ, अन्त में ल, ग प्रारम्भ में -नगण' 10/6 मात्रिक -.. मात्रा 28 (10+8+10) 10/19 पदान्त 'सगण'। मात्रिक – मात्रा 8 अन्तलघु 11/5 मात्रिक - मात्रा 23, अन्त में लघु अपवाद रूप में 15/1 मात्रिक ..--- मात्रा 12, 18, 12, 15 अन्त्य-प्रशस्ति मात्रिक - मात्रा 16, अन्त ल, ग 13/6/5, 13, 14 मात्रिक - मात्रा 8, अन्त ल, ग 1/2,5/14 वर्णिक – वर्ण 7, र, ज, ग 3/14 वर्णिक – वर्ण 12, ज, त, ज, र 8/17 अवहट्टय वर्णिक – वर्ण 12, य, य, य, य 2/1, 3/8 वर्णिक .. वर्ष 11, र, ज, र, ल, ग 8/9/3-4 वर्णिक – वर्ण 19, म, स, ज, स, त, त, ग 1,9, 10, 11, 12, 13, 14, 15 के अन्त में विषम मात्रिक छन्द – मात्रा !4, 16, 14, 13 9/1-12 14, 10, 14, 12 अन्त रगण विषम मात्रिक छन्द – मात्रा, 15+277264/1 से 4/17 + दोहा मधुभार दुवई गाथा (परपथ्या) त्रोटनक करमिकरभुजा उष्णिका वंशस्थ भुजंगप्रयात निःश्रेणी शार्दूलविक्रीडित स्कन्धक (खंडिया) वस्तु-छन्द
SR No.090322
Book TitlePajjunnchariu
Original Sutra AuthorSinh Mahakavi
AuthorVidyavati Jain
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year2000
Total Pages512
LanguageHindi, Apbhramsa
ClassificationBook_Devnagari & Story
File Size12 MB
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