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महाफ सिंह चिरडउ पन्नुण्ण रेउ
[9.16.11
घत्ता- अम्हहँ पंचसय सुबह दीहर-भअहँ दे आएसू ताय कि किज्जा। जपइ खयरवइ णिरा कुत्रिय मइ हणहु कुमाह जेम । मुणिचइ ।। 159।।
(17) दुवई— आयण्णिवि कुमारय गयण-मारय धाइया तुरंत।
जहिं भी सम सुवासुओ दीझपरभुओ सथत तहिं पहुंत ।। छ।। धम्महु जलु कील करंतु दिए णं सुर-करि-वर सरवरे पइट्छु । जाइवि छलेण किर धरहिं जाम 'अलोयणि विजा चवइ ताम। सुणि देवरे लिए दुछ-भाव तुह भायर णियमणे कुद्ध पान । ता चवइ मयणु महुरूउ धरोहे तुहुँ अलहि मइ पछण्णु करहि । तं णिसुणिवि विज्जइँ कियउ तेम खयराहिल सुवण मुणति जेम। मर-मरु भणंत से उच्चडिया पं हरि हे गयंद समाडिया। जा उक्खय गहरण सयल थिया विस्ज' अउच्च ता लील किया। "परिबेदिय णाय-वास चवल: बंधेवि सरे णिम्मिय ते सयला।
धत्ता
"(आपके) दीर्घभुजा वाले हम 500 पुत्र हैं। क्या करना है तो हमें आज्ञा दीलिर? तब अत्यन्त कुपितमति उस खचरपत्ति (कालसंवर) ने कहा- . कुमार प्रद्युम्न का इस तरह वध करो कि उसे पूर्व-जानकारी न मिल सके।। 159 ।।
(17) आलोचनी-विद्या का चमत्कारी प्रभाव, कुमार प्रद्युम्न का वध नहीं किया जा सका द्विपदी– वे वज्रदन्त आदि सभी पुत्र पिता का आदेश सुनकर उस मदन–प्रद्युम्न का वध करने के लिए दौडे और
तुरन्त ही वहाँ पहुँचे जहाँ दीर्घ भुजाओं वाला राजा भीष्म-पुत्री का वह पुत्र (प्रद्युम्न) स्थित था।। छ।। वहाँ उन्होंने उस मदत को जल-क्रीडा करते हुए देखा । वह ऐसा प्रतीत हो रहा था. मानों ऐरावत हाथी ही सरोवर में प्रविष्ट हुआ हो। उन्होंने जाकर जब उसे छलपूर्वक धरा (पकड़ा) तब अलोचनी विद्या ने उस (प्रद्युम्न ) से कहा- "सुन, देव – राजा कालसंवर एवं उसकी त्रिय-कंचनप्रभा के मन में दुष्ट भाव (जाग गया) है, तुम्हारे (सौतेले) भाइयों ने अपने मन में क्रुद्ध पाप धारण कर लिया है।" तब मदन उस (आलोचनी विद्या) से बोला—"तुम मेरा रूप धारण करो तथा मुझे प्रच्छन्न रखकर उपस्थित रहो ।" यह आदेश सुनकर उस विद्या ने ऐसा किया कि जिसे खचराधिप सुत समझ भी न सके। 'मरे-मरे' कहते हुए वे उछल कूद करने लगे। वे ऐसे प्रतीत होने लगे जैसे हरि-- कृष्ण ने गजेन्द्रों को उठा-उठा कर पटक दिया हो । प्रहार करने में असक्त होकर जब वे उखड़ गये तब उस विद्या में एक अपूर्व लीला की (प्रदर्शन किया)। उस चगल (विद्या) ने उन सभी को नाग-पाश से बेढ़ दिया और उन्हें सरोवर में डुबा दियः । किन्तु उनमें से एक कुमार जिस किसी प्रकार वहाँ से
(17) 15 म। .
मा'. 3. A. नसोपरि · 4.4रिसशिया