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________________ 6.13.1] महाकद मिह घिरइउ पञ्जुष्णचरिउ [103 (12) तहि दंसणे सो मपण-परब्दसु विरह राणइँ संठिउ णावइ पसु । 63 अप्प पल्लिवि संयोवार अंशु-देणु भणे चिंतंतु किसोपरि। गेउ ण सुणइ अण्ण णउ रुच्चइ मंति सुमइ णामइ ता बुच्चइ । देव-देव किं तुहँ विवणम्मणु ण वि आहरणु अंगे ण विलेवणु। पर-णरणाहइँ चप्पिय सीमहु रणभरे कि आसंकिउ भीमहु। बाहिर आवासिय परिवारहो चिंतिवि मुक्क काइँ खंधारहो। तं णिसुणेवि महुराउ पयंपइ मयण भन्दि तिल-तिलु मइ कप्पइ । असुहस्थी कलिमल णउ हटइ तल्लोवेल्लि सरीरहो वड्ढई। घत्ता... इय कंचणरहहो रमणि णिहालय जामहि । एह मेल्लवि महो ताय अण्णु ण रुच्चइ तामहिं ।। 95।। (13) किं पंचाणण तसइ गयंदहो हउ किं संकमि भीम गरिंदहो। 10 (12) (प्रद्युम्न के पूर्व-जन्म-कथन के प्रसंग में- मधु राजा अपनी कामावस्था का रहस्य - अपने मन्त्री सुमति को कह देता है वह राजा मधु रानी कनकप्रभा को देखते ही मदन से परवश हो गया। उस के विरह से वह ऐसा विड्वल हो गया जैसे पशु । वह (पगला होकर) बिछौने पर पड़ गया और मन में निरन्तर उसी कृशोदरी का चिन्तन करने लगा। न तो वह गेय गीत ही सुनता था, और न उसे अन्न ही रुचता था। तब सुमति नामक मन्त्री बोला—“हे देव. हे देव, आप अनमने क्यों हो? न तो आप आभरण धारण करते हो और न अंग में विलेपन ही करते हो। क्या शत्रुराजा भीम ने राज्य की सीमा चाँप ली है? अथवा रण में आप उस भीम से आशंकित होकर भयभीत हो रहे हो? परिवार को बाहर ठहरा कर क्या आपने स्कन्धावार (सेना) की चिन्ता छोड़ दी है? मन्त्री का कधन सुनकर राजा मधु बोला...."(भयभीत नहीं हूँ किन्तु)" हे भव्य, मदन के कारण मेरा तिल-तिल काँप रहा है उसके कारण मेरे शरीर में तड़फड़ी हो रही है। अशुभार्थी कलि-मलों से नहीं हटता।" घत्ता- जब से मैंने कंचनरथ की रमणी को देखा है तब से हे तात, इस रमणी को छोड़ कर मुझे अन्य कोई नहीं रुचता। 1 9511 (13) (प्रद्युम्न के पूर्व-जन्म-कथन के प्रसंग में-) राजा मधु अरिराज भीम के पास अपना दूत भेजता है "...क्या पंचानन सिंह गजेन्द्रों से डरता है? मैं भीम नरेन्द्र से क्यों डर? जिसके लिए कैटभ की साहाय्य कही (12) 1. ॐ "णु। 2. व 'हो'। 3.3 "रवि।
SR No.090322
Book TitlePajjunnchariu
Original Sutra AuthorSinh Mahakavi
AuthorVidyavati Jain
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year2000
Total Pages512
LanguageHindi, Apbhramsa
ClassificationBook_Devnagari & Story
File Size12 MB
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