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________________ विषय-सूची गाथा जोवाधिकार मंगलाचरण और प्रतिज्ञा वाक्य १ मोक्षमार्ग और उसका फल नियमसार पदकी सार्थकता ३ नियम और उसका फल ४ व्यवहार सम्यग्दर्शनका स्वरूप ५ अठारह दोषोंका वर्णन परमात्माका स्वरूप आगम और तत्वार्थका स्वरूप ८ तत्त्वाथोका नामोल्लेख जीवका लक्षण तथा उपयोगके भेद १० स्वभावशान और विभाव ज्ञानका विवरण ११ सम्यग्विभाव ज्ञान और मिथ्यावि भावज्ञानके भेद दर्शनोपयोगके भेद विभाव दर्शनयोगके भेद विभाव पर्याय और स्वभाव पर्यायका विवरण मनुष्यादि पर्यायोंका विस्तार १६-१७ आत्माके कर्तृत्व-भोक्तृत्वका वर्णन १८ द्रव्याथिक और पर्यायाथिक नयसे जीवकी पर्यायोंका वर्णन १९ अजीवाधिकार पुद्गल द्रव्यके भेदोंका कथन २० स्कन्धोंके छह भेद २१-२४ कारणपरमाणु और कार्य परमाणु का लक्षण परमाणुका लक्षण २६ परमाणुके स्वभावगुण और विभाव गुणका वर्णन २७ KM पृष्ठ पुद्गलको स्वभाव और विभाव ४ पर्यायका वर्णन २८ परमाणुमें द्रव्यरूपताका वर्णन २९ १० धर्म, अधर्म और आकाश १२ द्रव्यका लक्षण १९ व्यवहार कालका वर्णन भविष्यत् तथा वर्तमान कालका लक्षण और निश्चय कालका स्वरूप ३१-३२ १०१ २७ जीवादि द्रव्योंके परिवर्तनका कारण तथा धर्मादि चार ३५ द्रव्योंकी स्वभाव गुण पर्याय रूपताका वर्णन ३३ १०६ ३७ अस्तिकाय तथा उसका लक्षण ३४ १०९ द्रव्योंके प्रदेशोंका वर्णन ३५-३६ ११० ४३ द्रव्योंमें मूर्तिक, अमूर्तिक तथा चेतन अचेतनका विभाग ३७ ११६ शुद्धभावाधिकार हेय उपादेय तत्त्वोंका वर्णन ३८ १२१ निर्विकल्प तत्त्वका स्वरूप ३९-४५ १२३-१४३ ५६ तब फिर जीव कैसा है ? ६३ (जीवका स्वरूप) ४६-४९ १४४-१५३ पर द्रव्य हेय है और स्वद्रव्य ७१ उपादेय है ५. १५४ सम्यग्दर्शन और सम्यग्ज्ञानके ८० ८२ लक्षण तथा उनकी उत्पत्तिके कारण ५१-५५ १५७-१६९ व्यवहार चारित्राधिकार ८७ अहिंसा महावतका स्वरूप ५६ १७५ सत्य महाव्रतका स्वरूप ५७ १७६ ९. अलौयं महायतका स्वरूप ५८ १७८ २५
SR No.090307
Book TitleNiyamsara Prabhrut
Original Sutra AuthorKundkundacharya
AuthorGyanmati Mataji
PublisherDigambar Jain Trilok Shodh Sansthan
Publication Year1985
Total Pages609
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Religion
File Size14 MB
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