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-निमित्तशार्यरत ..... अर्थ :ॐ चित्रा नक्षत्र में पानी बरसने पर वर्षा मन्द होगी । यदि स्वाती नक्षत्र में पानी पड़े तो वर्षा अल्प होगी । विशाखा या अनुराधा नक्षत्र में वर्षा होने पर उस वर्ष पानी खूब बरसेगा ।
जिट्ठिसुअण्णादिठ्ठीमूलेणुदयं णिरंतरं देइ। तइहोइ वाइवरिसंउत्तरपुट्वेण संदेहो॥१७२||
अर्थ :
यदि जेष्ठा नक्षत्र में पानी बरसे तो पानी की कमी होगी । मूल नक्षत्र में वर्षा होने पर पानी अच्छा गिरेगा । पूर्वाषाढ़ा और उत्तराषाढ़ाई नक्षत्र में पानी बरसे तो पानी अच्छा बरसेगा व हवा भी चलेगी। इसमें । किसीप्रकार का सन्देह नहीं है । है सवणे कत्तियमासे वरिसंणासेइणस्थिसंदेहो।
उदये हवइधणाए वरिसइदेऊणसंदेहो॥१७३॥ अर्थ :ॐ श्रवण नक्षत्र में यदि वर्षा हो तो कार्तिक माह में पानी का नाश होगा और यदि घनिष्ठा नक्षत्र में पानी बरसे तो वर्षा खूब होगी।
सयभिसुभद्दव आऊ पुव्युत्तरया वि बहुजलदीति।
रेवईअस्सिणि भरणी वासारत्तेसुहिदित्ति॥१७४|| अर्थ :३ शतभिषा, पूर्वभाद्रपदा और उत्तर भाद्रपदा इन तीन नक्षत्रों में वर्षा होने पर बहुत वर्षा होगी । रेवती, अश्विनी अथवा भरणी इन तीन नक्षत्रों में वर्षा होना सुखदायक है।
एएरिक्खवयोगा वासासरसगडभकालम्मि। o णिच्चवचिंतयंतोणाणविदगसोहणोहोदी॥१७५||