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----निर्मितशास्त्रम -
६७ गन्धर्वनगर देखने से जनता को कष्ट होता है । मार्गशीर्ष के महिने में। गुरुवार को गन्धर्वनगर देखने से देश का सर्वांगीण विकास होता है । मार्गशीर्ष के महिने में शुक्रवार को गन्धर्वनगर देखने से सुख और
आरोग्य का वर्द्धन होता है । मार्गशीर्ष के महिने में शनिवार को , गन्धर्वनगर देखने से सुख और आरोग्य की हानि होती है। यदि उसदिन सायंकाल में पश्चिम दिशा में गन्धर्वनगर दिखें तो मारकाट और लूटपाट, की स्थिति बनने की पूर्ण सम्भावना होती है।
पौष मास में मंगलवार के दिन दिखाई देने वाला गन्धर्वनगर में जनता को कष्ट पहुँचाता है । पौष मास में बुधवार के दिन दिखाई देने वाला गन्धर्वनगर धान्य के भाव में सस्तापन और सोने-चांदी के भाव में वृद्धि का संकेत देता है । पौष मास में गुरुवार के दिन दिखाई देने वाला मन्धर्वनगर जनता के सौख्य का वर्द्धन करता है। पौष मास में शुक्रवार के दिन दिखाई देने वाला गन्धर्वनगर घनघोर वर्षा और आर्थिक कष्ट को सूचित करता है । पौष मास में शनिवार के दिन दिखाई देने । वाला गन्धर्वनगर राजा और प्रजा के लिए अपार हानिकारक है।
माघ मास में गन्धर्वनगर यदि मंगलवार को दिखाई दे तो चैत्रीय फसल अति उत्तम होगी, लौहव्यापार में लाभ होगा , रबर या । गोंद के व्यापार में हानि होगी, राजनीतिक उपद्रव होंगे और देश में ॐ अशान्ति फैलेगी । माघ मास में गन्धर्वनगर यदि बुधवार को दिखाई
देवें तो उत्तम वर्षा, आर्थिक विकास और शान्ति की वृद्धि को प्रकट
करता है। माघ मास में गन्धर्वनगर यदि गुरुवार को दिखाई देवें तो * सुभिक्षता और प्रसन्नता का कारण समझना चाहिये । माघ मास में
गन्धर्वनगर यदि शुक्रवार को दिखाई देखें तो शान्ति, लाभ और आनन्द के विकास का सूचक है । माघ मास में गन्धर्वजगर यदि शनिवार को दिखाई दे तो अपार कष्ट होगा । लेकिन उस दिन प्रातःकाल गन्धर्वनगर का दिखना शुभ है।
फाल्गुन मास में मंगलवार के दिन गन्धर्वनगर का दिखाई देना। गेहूँ, धान, ज्वार, जौ, गन्ना आदि के भावों के बढ़ने का संकेतकारी - माना गया है। ऐसा गन्धर्वनगर व्यापारियों , राजनेताओं एवं कलाकारों " की दृष्टि से उत्तम माना गया है । फाल्गुन मास में बुधवार के दिन