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--लिमित्तशास्त्रम - * करना पड़ता है । भाद्रपद माह में गन्धर्वनगर बुधवार के दिन दिखाई।
देने पर सुभिक्षता का विस्तार होता है, व्यापार में लाभ बहुत होता है। से परन्तु पशुओं में रोग फैलने की सम्भावना बढ़ जाती है। भाद्रपद माह में * गन्धर्वनगर गुरुवार के दिन दिखाई देने पर अतिवृष्टि, राजा की मृत्यु ।
और नागरिकों में अशान्ति होती है। भाद्रपद माह में गन्धर्वनगर शुक्रवार के दिन दिखाई देने पर जनता को विपदा, व्यापार में हानि और अनेक * प्रकार के उपद्रव होते हैं । भाद्रपद माह में गन्धर्वनगर शनिवार के दिन । दिखाई देने पर वर्षा कम होने के कारण धान्य महँगा हो जायेगा।
आश्विन माह में संगालवार को गन्धर्वनगर दृष्टिगोचर होने पर शीत का प्रकोप बढ़ेगा, देश का विकास और खनिज पदार्थों में बहुलता। होती है । आश्विन माह में बुधवार को गन्धर्वनगर दृष्टिगोचर होने पर
अच्छी वर्षा होगी परन्तु धान्य महँगा होगा । आश्विन माह में गुरुवार * को गन्धर्वनगर दृष्टिगोचर होने पर उससे आठवें दिन घोर वर्षा होगी । व्यापारी वर्ग के लिए उसदिन गन्धर्वनगर देखना शुभ माना गया है । आश्विन माह में शुक्रवार को गन्धर्वनगर दष्टिगोचर होजे पर धन और जन की वृद्धि होकर नागरिकों में आनन्द विकसित होता है । आश्विन माह में शनिवार को गन्धर्वजगर दृष्टिगोचर होने पर जनता को साधारण कष्ट होता है । वर्षा अच्छी होती है।
कार्तिक मास में मंगलवार को गन्धर्वनगर दिखलाई पड़े तो अग्नि का प्रकोप, व्यापार में हानि और देश में अशान्ति होती है। कार्तिक मास में बुधवार को गन्धर्वनगर दिखलाई पड़े तो शीत के प्रकोप से मनुष्य
और प्राणियों को अपार कष्ट होता है। कार्तिक मास में गुरुवार को. गन्धर्वनगर दिखलाई पड़े तो जनता को अपार कष्ट होता है । कुछ ज्योतिर्विदों के मतानुसार ऐसा गन्धर्वजगर देखना औद्योगिक विकास के लिए उत्तम है । कार्तिक मास में शुक्रवार को गन्धर्वनगर दिखलाई पड़े तो जनता में सहयोगभावना की वृद्धि होती है। कार्तिक मास में शनिवार,
को गन्धर्वनगर दिखलाई पड़े तो हिंसपशुओं के द्वारा मनुष्यों को कष्ट ६ होगा। ऐसे गन्धर्वनगर का दिखना व्यापार के लिए भी शुभ नहीं है।
. मार्गशीर्ष के महिने में मंगलवार को गन्धर्वनगर देखने से अच्छी' ६ वर्षा के कारण फसल उत्तम होती है। मार्गशीर्ष के महिने में बुधवार को