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----निमितशास्त्रम् -
[६५ । हानि, धनी-मानियों को विपत्ति और साधारण जनता में विशेष लाभ
की स्थिति रहती है । जेष्ठ माह में शनिवार को गन्धर्वनगर दिखलाई। र पड़ने पर वर्षा का अभाव, जनता को कष्ट, अग्निभय की प्राप्ति, विषैले
जन्तुओं का आतंक और तूफानों का वर्चस्व बना रहता है। 8 आषाढ़ माह में मंगलवार को गन्धर्वनगर के दर्शन होने पर अन्न सस्ता होता है, सोना और चाँदी के भाव में गिरावट आती है, देश का आर्थिक विकास होता है, सामाजिक सौहार्द्रता बढ़ती है और वर्षा अच्छी होती है । केवल लोहे के व्यापारियों को आर्थिक हानि सहन करनी पड़ती है । आषाढ माह में बुधवार को गन्धर्वनगर के दर्शन होने पर अच्छी वर्षा होती है, जनता को साधारण कष्ट होता है, व्यापार में साधारण लाभ मिलता है और वज्रपात का भय अधिक रहता है। आधार
माह में गुरुवार को गन्धर्वनगर के दर्शन होने पर सभी प्रकार की सुख* शान्ति प्राप्त होती है। आषाढ़ माह में शुक्रवार को गन्धर्वनगर के दर्शन * होने पर वर्षा साधारण होती है । वस्त्र और कल-पुर्जी के व्यापार में
अधिक लाभ होता है। प्रतिदिन प्रयोग में आने वाली वस्तुयें महँग हो जाती है। आषाढ़ माह में शनिवार को गन्धर्वनगर के दर्शन होने पर *वर्षी साधारण होगी और व्यापारियों को कष्ट होगा ।
प्रावण के महिने में गन्धर्वनगर यदि मंगलवार के दिन दिखलाई पड़े तो उस माह में वर्षा की कमी होगी । फसल साधारण होगी और में आपस में कलह की वृद्धि होगी । श्रावण के महिने में गन्धर्वजगर यदि । बुधवार के दिन दिखलाई पड़े तो अल्पवर्षा होगी । वस्त्र, सोना और
चाँदी का भाव कम हो जायेगा परन्तु सभी प्रकार के अन्न के भावों में वृद्धि होगी । श्रावण के महिने में गन्धर्वनगर यदि गुरुवार के दिन दिखलाई पड़े तो वर्षा अच्छी होगी और जनसामान्य के आनन्द में वृद्धि । होगी । श्रावण के महिने में गन्धर्वनगर यदि शुक्रवार के दिन दिखलाई
पड़े तो व्यापार में हानि और जनता की कष्ट होगा। श्रावण के महिने में * गन्धर्वनगर यदि शनिवार के दिन दिखलाई पड़े तो घोर दुर्भिक्ष होगा ऐसा जानना चाहिये।
भाद्रपद माह में गन्धर्वनगर मंगलवार के दिन दिखाई देने पर अल्पवर्षा के कारण जनता को कष्ट और आर्थिक हाजि का सामना