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--निमित्तशास्त्रम प्रतिमा में विकृति के देखने पर वैद्यों को पीड़ा होगी।
___ चण्डिकादेवी के बालों से धूआँ निकले तो स्त्रियों का नाश होता है। वाराही देवी के बालों से धूआँ निकले तो हाथियों का नाश होता है। नामिनीदेवी के बालों से धूआँ निकले तो गर्भ का नाश होता है।
शिवलिंग फूटे तो परस्पर में फूट बढ़ेगी । शिवलिंग में से अग्निज्वाला निकले तो देश का विनाश होगा । शिवलिंग में से रक्त की धारा निकले तो घर-घर रोना होगा।
देवताओं के हँसने, रोने, नृत्य करने और चलने आदि को निमितमा शुभ मात्र मालो हैं होने जा निमिर के घटिज होने पर
छह माह से लेकर एक साल तक जनता के लिए महान भय होने वाला है। * ऐसा जानना चाहिये।
चन्द्रमा अथवा वरुण इन दोनों में से किसी एक के साथ कोई विकृति दिखाई पड़े तो सिन्धु देश, सौवीर देश, गुजरात और वत्सभूमि में मनुष्यों का मरण होगा। भोजन की सामग्री में भय रहता है और राजा की का मरण समय से पूर्व में ही हो जाता है। पाँच महीने के बाद वहाँ घोर भय का संचार होता है अर्थात् भय व्याप्त होता है।
शिव और वरुणदेव की प्रतिमा में किसी भी प्रकार का उत्पात दिखाई पड़े तो वहाँ पर ब्राह्मणों के लिए एक सौ पाँच दिनों तक महाभय, * होता है। इन्द्र की प्रतिमा में कोई भी उत्पात दिखाई पड़ जाय तो तीन
महीने में युद्ध होता है और राजा अथवा सेनापति का वध होता है । यदि बलदेव की प्रतिमा या उसके उपकरण-छत्र, चमर आदि में किसी भी।
प्रकार का उत्पात दिखाई पड़ जाय तो सात महीनों तक उस राष्ट्र के ३ योद्धाओं को पीड़ा होती है। .
वासुदेव की प्रतिमा और उसके उपकरणों में किसी भी प्रकार का । उत्पात दिखलाई पड़े तो सारी प्रजा में षड्यन्त्रकारियों का वर्चस्व बना। रहता है और चार माह के भीतर ही राजा का वध हो जाता है। प्रधुम्न की , प्रतिमा में किसी भी प्रकार का उत्पात दिखाई पड़ना वेश्याओं के लिए
अत्यन्त भयकारक होता है । कुशील व्यक्ति भी आठ माह तक भय का पात्र बना रहता है । सूर्य की प्रतिमा में कुछ उत्पात दिखाई देता हो तो एक महीने या डेढ़ महीने में चोरों का विनाश हो जाता है या वे रुदन