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-मितशास्त्रम् ---- लोयस्स दित्तिमारी दुभिक्खंतहयरायपीडंच। __ चित्तंतीहापावंपुरस्सतहणयररायस्स।८०॥ अर्थ :
___जानी कि मनुष्यों को मारी की बीमारी. देश में अकाल अथवा अशहर के लोगों को व राजा को नाना प्रकार का कष्ट होगा ।
रुइयेणराइमरणंहसियेनपदेसविब्भमोहोई।
चलियेण कंपिएणय संगामोतत्थणायव्वो॥८१॥ अर्थ :१ प्रतिमा जी के रोने से राजा की मृत्यु होगी। प्रतिमा जी के हँसने । से देश में विवेष फैलेगा। प्रतिमा जी के चलित हो जाने से अथवा काँपने छ से उस नगर में संग्राम होगा ऐसा जानो।
पस्सिणेतह वाही धूमेणय बहुविहाणि एयाणि।
बंभाण वियाणासंरुद्देमुपणासणंकुणइ।।८२॥ अर्थ :के प्रतिमा से धुआँ युक्त पसीना निकलना अनेक तरह के फलों को। बताता है।
यदि यह कार्य शिवप्रतिमा से दिखाई पड़े तो ब्राह्मणों का नाश होगा।
वणियाणच्च कुबेरखंदोपुणभोइये विणासेई।
कायच्छाणंविसहोइंदोराइविणासेई।।८३॥ अर्थ :
यदि कुबेर की प्रतिमा से धुर्वे से सहित पसीना निकलता हो तो वैश्यों का नाश होगा।
यदि कुबेर की प्रतिमा के कन्धों से धुवें से सहित पसीना निकले