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-जिमितशास्त्रम् जिस नगर में बहुत से मांसभक्षी पक्षी बिना किसी कारण के ही उड़ते हुए दिखाई देवें तो वह नगर परचक्र से अवश्य ही नष्ट होगा।
अहबाला कीलता मिलियाजइ सव्वदेसिधावंति। जुज्झतिषणोसव्वेतयहविजुज्झतिणायव्वो॥५७॥ अर्थ :
जहाँ पर बच्चे खेलते-खेलते आपस में लड़ते हुए अधिक क्रोध में । लड़ाई करने लगे तो वहाँ युद्ध अवश्य होगा।
गेहोणिते कुणंतं अग्गी लायंति बहुरमंति।
तम्मिय गामेअम्गीपंचमदिवहेणसंदेहो॥५८॥ अर्थ :
यदि खेलते-खेलते बच्चे आग लेकर आवे और उससे खेले तो पाँचवें दिन उस गाँव में आग अवश्य लगेगी।
अहकीलमाणचोरंतवालयासव्वदोयधावंति।
तइयम्मितच्च दिवहेचोरस्सभयंमुणेयव्॥५९॥ अर्थ :
जहाँ पर बच्ढे खेलते हुए यह चोर आया, इसे पकड़ो आदि शब्द बोले तो उस गाँव में तीसरे दिन चोर का भय होगा।
अह माणुसीय गाएय हथिणी घोडियाय सुणहीणा।
पसर्वतिअभदाई देसविणासंणिवेदंति ॥६०॥ अर्थ :
जहाँ पर गाते हुए मनुष्य का गीत सुनने के लिए घोड़ी, हथिमी अथवा कुतिया आवे तो उस देश का नाश होगा ऐसा जानो।
अह माणसीएमास गावी एहायपक्खएक्केण।